पत्रकार बड़े गुप्ता की रिपोर्ट उरई से
उरई(जालौन)। सिद्धपीठ ठड़ेश्वरी मन्दिर उरई के महन्त श्री श्री 1008 श्री सिद्ध रामदास महा मण्डलेश्वर जी के सानिध्य में चल रही है।
कथा ब्यास अनन्त विभूषित वैष्णव पीठाधीश्वर महन्त श्री देवनारायण दास जी महाराज (वेदान्ताचार्य)के कृपा पात्र शिष्य परम संत श्री राघवदास जी महाराज गौरियापुर धाम अकबरपुर जनपद कानपुर देहात के मुखारविंद से श्रीमद् भागवत कथा पुराण में आज छठवें दिन रुक्मिणी विवाह की कथा को सुनाकर भक्ति गणों को भावा विभोर कर दिया ।जिसका समापन कल 31 दिसम्बर को होगा। एक जनवरी को हवन पूजन के बाद भण्डारा प्रसाद का आयोजन किया जाएगा।
आज भगवताचार्य परमसंत राघव दास जी महाराज के गुरु वेदान्ताचार्य जी महाराज भी श्रीमद् भागवत कथा पुराण में शामिल होकर भक्ति गणों को अपने मधुर वाणी में भगवान और भक्त की कथा को सुनाते हुए कहा जो मनुष्य भगवान की जितनी भक्ति करते हैं उन्हें भगवान की कृपा से मोक्ष को प्राप्त होते हैं। इसी लिए कहा गया कि कलियुग केवल नाम अधारा समिर- सुमिर नर उतरहिं पारा। उन्होंने बताया कि कलियुग में केवल भगवान का नाम अवश्य करते रहें जिससे उनका संसार के माया मोह से छुटकारा सके।
पारीक्षित ठा.ज्ञान सिंह व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मीरा देवी (दमा वाले) ने सभी भक्त गणों से अपील की है कि उपरोक्त कार्यक्रम में शामिल होकर अपने-अपने जीवन को धन्य बनाने के साथ भण्डारा का प्रसाद भी आकर गृहण करें।