रिपोर्ट- सन्तोष कुमार सोनी के साथ सुशील कुमार मिश्रा
बांदा– वर्तमान में थाना नरैनी अंतर्गत करतल चौकी क्षेत्र के केन नदी में संचालित बिलहरका घाट बालू खदान में शासन प्रशासन के सारे नियमों की सरेआम धज्जियाँ उड़ाते हुये जहाँ एक ओर दैत्याकार मशीनों से खनन हो रहा है वहीं दूसरी ओर कस्बे से दिन रात फर्राटा भर रहे ओवरलोड भीमकाय डम्पर एवं ट्रकों की आवाजाही से यहाँ के लोगों का जीना हराम है कस्बे के भीड़भाड़ वाले मुख्य बाजार से अनियंत्रित गति से निकलने वाले ओवरलोड वाहनों से आये दिन दुर्घटनाओं का खतरा मंडरा रहा है इतना ही नहीं यहाँ पर इस खदान के अलावा उ०प्र० के बांदा जनपद के तहसील नरैनी क्षेत्र में संचालित अधिकतर बालू खदानों के साथ साथ सीमावर्ती म०प्र० क्षेत्रों में भी संचालित बालू खदानों से उ०प्र० के रास्ते यहाँ से निकलने वाले सैकड़ों ओवरलोड वाहनों से उ०प्र० एवं म०प्र० को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग भी कहीं ना कहीं धराशायी हो रहा है लेकिन सिस्टम बाजी की मलाई चाट रहे खनिज विभाग सहित जिम्मेदारों को शायद इस बात की कोई फिकर नहीं! इतना ही नहीं इसी बिलहरका खदान संचालक का एक सबसे आश्चर्यजनक कारनामा इस खदान में नदी घाट से आने जाने वाले वाहनों के आवागमन हेतु प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय बिलहरका के नजदीक से बनाये गये मार्ग से वाहनों के निकलने के चलते जहाँ दोनों स्कूलों के बच्चों के मिड डे मील द्वारा मिलने वाले भोजन पर असीमित धूल पड़ती है वहीं प्रदूषण फैलने से पढ़ाई के साथ साथ उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है जबकि उक्त ठेकेदार द्वारा अपनी करतूत छिपाने के लिये स्कूलों की तरफ कपड़े का पर्दा लगवाते हुये अपने इस घृणित कार्य पर शराफत का पर्दा डाल मनमानी करने पर अमादा है लेकिन यह सब देखे कौन अवैध कमाई के चक्कर में सभी जिम्मेदार अंधभक्त बन मूकदर्शक बने हुये हैं जबकि इस सम्बन्ध में शासन प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुये स्थानीय लोगों ने खदान संचालक के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही कर इस भीषण समस्या से निजात दिलाने हेतु पुरजोर मांग की है!