घनघोर वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त,खेत बने तालाब ,फसले हुईं चौपट

राज्य

 

पंचनद न्यूज़ से विजय द्विवेदी

रामपुरा, जालौन । रामपुरा क्षेत्र पहूज नदी की बाढ़ से रूबरू होकर उसके सदमे से उबरा भी नहीं था कि अचानक हुई घनघोर वर्षा से पूरे क्षेत्र का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। विकासखंड रामपुरा अंतर्गत पहूज नदी की भीषण बाढ़ ने तटवर्ती इलाकों में जो तबाही मचाई उससे हजारों एकड़ कृषि क्षेत्र जलमग्न हो गया था ,अभी बाढ़ की उस बिभीषिका से रामपुरा पंचनद क्षेत्र उबरा भी नहीं था कि रात अचानक हुई घनघोर वर्षा से समस्त मानव जीवन अस्त-व्यस्त हो गया ,पानी के तीव्र बहाव के कारण जगह जगह  रास्ते कट गए सीसी रोड,खंडजा पक्की सड़क पानी की धार में बह गई, पूरे क्षेत्र में आधा सैकड़ा से अधिक वृक्ष जड़ से उखाड़ कर धराशाही हो गए वहीं कुछ वृक्ष विद्युत तारों अथवा विद्युत पोलों पर गिरने से अलग-अलग जगह पर लगभग एक दर्जन से अधिक बिजली के खंबे टूट जाने के कारण विद्युत सप्लाई बाधित हो गई , लगातार घनघोर वर्षा के कारण खेत तालाब की तरह भर जाने से बाजरा की फसल की भले ही आंशिक क्षति हुई हो किंतु तिली और कुम्हैडा की फसल शत प्रतिशत बर्बाद हो गई है । अनेक गांवों में जल निकासी की पुरानी व्यवस्थाओं पर नासमझ अथवा लालची स्वभाव के लोगों का कब्जा हो जाने से वर्षा का पानी बाहर न निकल पानी के कारण गांव गांव में पानी के जल भराव की खबरें हैं , वहीं अनेक गांवों में ग्रामीणों के घर भरभरा कर गिर जाने से लाखों रुपयो की आर्थिक क्षति हुई है । रामपुर में होली मोड़ से बिजली घर लगभग 1 किलोमीटर तक खेतो में पानी भर जाने से झील जैसा नजारा उत्पन्न हो गया है।
*आधा सैकड़ा से अधिक वृक्ष धराशाही, विद्युत पोल टूटे- सप्लाई वाधित*
पूर्व में हुई वर्षा से नम जमीन मंगलवार की रात से बुधवार दोपहर तक की घनघोर वर्षा से एकदम गिलगिली हो गई और तेज हवा के कारण रामपुरा सहित ग्रामीण क्षेत्र में लगभग आधा सैकड़ा वृक्ष धराशाही हो गए जिसमें कुछ वृक्ष विद्युत पोलों एवं तारों पर गिरे । रामपुरा में निनावली रोड पर दो वृक्ष उखाड़ कर तारों एवं खम्बो पर गिर गए जिससे लगभग पांच विद्युत पोल टूट कर जमीन पर गिर पड़े जिस कारण सिद्धपुरा फीडर के लिए जाने वाली 33 हजार केवी विद्युत लाइन समेत 11 हजार केवी एवं नगर सप्लाई की एलटी लाइन टूट गई परिणाम स्वरूप सिद्धपुर 33 केवी सहित रामपुरा नगर की विद्युत सप्लाई बाधित हो गई । बुढेरा रोड पर दो विद्युत पोल टूट गए वहीं जगम्मनपुर में किला के चारों ओर बनी गहरी खाई के किनारे खड़े वृक्ष कटान के कारण भूशायी हो गए परिणाम स्वरूप सीसी रोड पानी के कटाव में बहकर खाई में समा गया। रामपुर गोहन रोड पर नहर के पास सड़क पर वृक्ष गिरने से ऊमरी मार्ग पर एवं जगम्मनपुर कुठौंद मार्ग पर तीन जगह सड़क के ऊपर लगभग 4 फीट ऊंचा पानी बहने के कारण कई घंटे यातायात ठप्प रहा ।
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 खेत बने  तालाब फसलें हुई चौपट
गत दिनों हुई वर्षा का पानी अभी खेतों में सूखा भी नहीं था कि अचानक हुई तीव्र वर्ष से खेत तालाब बन गए । बरषा के कारण बाजरा की फसल को भले ही आंशिक नुकसान हुआ है लेकिन तिली ,कुम्हैडा, मूंग , उरद की फसल शत प्रतिशत नष्ट हो गई ।
*जल निकास पर कब्जा होने से जल भराव*
राजतंत्र में जल निकास के लिए किए गए पुराने प्रबंधों पर अतिक्रमण होने के कारण गांवों में पानी भर गया है । रामपुरा नगर में होली मोड़ से 33 केवी विद्युत गृह तक खेतों में 8 से 10 फीट ऊंचा पानी भरा है । स्टेटकाल में होरी मोड पर सड़क के आर-पार जल निकासी हेतु पुलिया बनी थी जिस पर कुछ अतिक्रमणकर्ताओं ने कब्जा कर लिया जिससे बिजली घर व पेट्रोल पंप होली मोड के आसपास झील जैसा नजारा देखने को मिलता है । इस समस्या के समाधान के लिए जिलाधिकारी जालौन एवं क्षेत्रीय विधायक मूलचंद सिंह निरंजन ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को कई बार कहा , नवनिर्मित सडक निर्माण के समय यहां जल निकासी हेतु पुलिया बनाए जाने के लिए सड़क का आधा हिस्सा खुदा भी पड़ा रहा लेकिन जिलाअधिकारी एवं विधायक के आदेश को दरकिनार कर एस्टीमेट में पुलिया ना होने की बात कह कर खुदे पड़े हुए हिस्से को पाट उस पर सड़क बना दी परिणाम स्वरूप पचोखरा रोड की तरफ का पानी सड़क पार करके बीहड के रास्ते पहूज नदी तक नहीं पहुंच पा रहा है जिसका परिणाम यह है कि लगभग 100 एकड़ कृषि भूमि बडी झील के रूप में परिवर्तित हो गई है ।ग्राम निनावली जागीर में जल निकास हेतु बनी नालियों की सफाई न होने से गांव में पानी भर गया जिससे तहसीलदार सिंह का मकान भरभरा कर गिर पड़ा इसकी सूचना जिला अधिकारी को दी गई जिला अधिकारी के निर्देश पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने वीडियो पंचायत को समस्या का समाधान करने का आदेश दिया तब कहीं जाकर सफाई कर्मियों में एडीओ पंचायत भारत सिंह के नेतृत्व में नालियों की साफ सफाई करके वर्षा के पानी को निकलने का रास्ता सुगम किया। ग्राम बुढेरा में देवेंद्र सिंह ,शांति देवी ,जागेंद्र सिंह ,रामू सिंह आदि के मकान अत्यधिक वर्षा के कारण जमीदोज हो गए है।

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