केन पुल में बिना वैकल्पिक मार्ग बनाए पुल को बंद करने से राहगीरों में आक्रोश

राज्य

 

सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट 

बांदा। जिला प्रशासन ने पैलानी तहसील प्रशासन की मांग पर पैलानी पुल को पूर्णतया आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है । लेकिन पुल बंद करने के पहले प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था तो करनी चाहिए थी जिससे क्षेत्रीय जनता के आवागमन के लिए किसान नेता पुष्पेन्द्र सिंह चुनाले ने कहा कि
आखिर जसपुरा क्षेत्र के निवासियों को

अगर तहसील में कोई काम है तो पैलानी बमुश्किल पहुंच पाएगा या नहीं
किसी को बांदा में अपना इलाज कराना है
किसी को कोर्ट मै तारीख है किसी को और कोई काम है तो वो क्या करेगा !
तहसील प्रशासन इतना अदूरदर्शी है कि उनके अधिकारियों को ये नहीं मालूम कि जसपुरा ब्लॉक के 32 गांव इस रास्ते के बंद होने से परेशानी में आ जाएगें
मरम्मत के लिए पुल को बंद कराना अच्छा निर्णय है प्रशासन का लेकिन क्षेत्र के लोगों को निकलने के लिए
वैकल्पिक व्यवस्था न करना ये प्रशासन की साफ अदूरदर्शिता व लापरवाही दिख रही है । ग्रामीणों ने बताया कि पुल को बंद करने पुल की मरमत में किसी को कोई समस्या नहीं है

लेकिन अविलंब प्रशासन को पुल के नीचे से वैकल्पिक मार्ग बनाकर क्षेत्रीय लोगो के निकलने की व्यवस्था करनी चाहिए।

वहीं पर पैलानी डेरा निवासी मुन्ना निषाद ने बताया कि

अगर किसी की तबीयत खराब हो गई तो उनका इलाज कैसे होगा बांदा तक उनको कैसे पहुंचाया जाएगा पुल से राहगीर पैदल भी नहीं जा सकते हैं।इसलिए केन पुल का मरम्मती करण जितना जरूरी है उतना ही वैकल्पिक मार्ग भी।

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