रिपोर्ट- सुशील कुमार मिश्रा
बांदा–वर्तमान में जिस प्रकार से गर्मी बढ़ रही है उससे ज्यादातर तालाब, पोखरे सूखने की कगार पर है तथा जिनमें कुछ बहुत पानी भरा भी है वह इतना गर्म हो जाता है जो पशु पक्षियों या जानवरों के पीने योग्य नहीं रहता
वैसे तो पशु पक्षियों को आम मौसम में दाना पानी आसानी से हासिल हो जाता है किन्तु ग्रीष्म ऋतु में भोजन पाने के लिए उन्हें बहुत ही जद्दोजहद करनी पड़ती हैं अगर हम सब मिलकर थोड़ा सा समय इनकी सेवा में लगा दें तो शायद यह हमारे लिए एक बहुत ही बड़ी उपलब्धि होगी इस प्रदूषित वातावरण के चलते इस समय संसार में
पक्षियों की बहुत सी प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर है और उनके विलुप्त होने का एक सबसे बड़ा कारण घटते जंगल , पहाड़ , अस्तित्व को खोते तालाब व खत्म होते जल स्रोत हैं जिसके कारण पक्षी अपनाभोजन पानी प्राप्त करने के लिए दूर दूर तक विचरण करने के दौरान अनुकूल तापमान एवं सही वातावरण नहीं मिलने पर खुद का अस्तित्व खो देते हैं समाजसेवी सुमित शुक्ला ने कहा की ऐसे में इस गर्मी से पशु,पक्षियों को बचाने की हम सब की नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है और बिना किसी खर्च के इनकी सेवा कर हम सब पुण्य प्राप्त कर सकते हैं इसके लिये सभी जगह आसानी से हासिल मिट्टी के घड़े को बीच से तोड़ कर जिस वृक्ष पर अधिक पक्षी निवास करते हों उसकी एक शाखा में बांध दें व उसी के बगल में एक मोटे कागज का एक झूला बना दें और उसमे प्रतिदिन चावल के दाने या पक्षियों के खाने योग्य अन्य वस्तुओं को व पानी की व्यवस्था प्रतिदिन करें ताकि पक्षियों के अस्तित्व को बचाया जा सके और इतना ही नहीं आप सबकी इस छोटी सी कोशिश पक्षियों के अस्तित्व को बचाने की शायद एक बड़ी मुहिम बन सकती है l