शिव शर्मा की रिsपोर्ट
शिव शर्मा की रिपोर्ट
राजनांदगांव । शहर सहित जिले में कबाड़ी व्यवसाय तेजी से फल फूल रहे हैं खबर है कि इन पर पुलिस को ज्यादा ही मेहरबान है तभी तो चोरी की मोटर गाड़ियां कुछ चुनिंदा कबाड़ियों के ठिकानों में गैस कटर आदि से काटकर बाहर भेजे जाने की जानकारी मिल रही है। इसके अलावा चोरों द्वारा सरकारी परिसंपत्तियों को भी नुकसान
पहुंचा कर चोरों द्वारा कबाड़ियों के यहां बेचे जाने की जानकारी मिल रही है। इस तरह की चोरी रोकने और अवैध धंधों को रोकने पुलिस की चुप्पी समझ से पड़े हैं। ऐसी स्थिति में जिला पुलिस कप्तान को चाहिए कि वह कबाड़ियों के यहां आकस्मिक जांच करें। इससे कई आश्चर्यजनक तथ्य उजागर हो सकते हैं।
जिले में कबाड़ व्यवसायियों का कालाबाजारी दशकों से निर्बाध गति से फलता फूलता रहा है। यहां लाखों का माल खपत हो रहा है। यहां तक कि चोरी का सामान भी कबाड़ी लाकर औने-पौने दाम में बेचते हैं जिन्हें कि रातोंरात गलाने का काम कबाड़ व्यवसायियों द्वारा किया जा रहा है। जिले में अवैध कबाड़ का धंधा दिनों दिन फल-फूल रहा है। हर महीने करोड़ों का कारोबार कबाड़ के अवैध ठिकानों से हो रहा है। पुलिस अपने क्षेत्र में संचालित कबाड़ कारोबारियों से हर महीने 25-30 हजार रूपये का सुविधा शुल्क वसूलकर पूरी मनमानी की छूट प्रदान कर रही है। जिला मुख्यालय राजनांदगांव समेत ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध कबाड़ का कालाबाजारी चरम पर है। शहर सहित जिले में भी कबाड़ का कारोबार बेरोकटोक चल रहा है। थाना से लेकर निगरानी से जुड़े अन्य अमले के साथ कबाडिय़ों की जबरदस्त सेटिंग होने के कारण उनके प्रति किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं होती है। थाने से लेकर सारी जगह उनका जुगाड़ पानी से ही काम चल जाता है। इन दिनों कबाड़ का अवैध कारोबार पूरे जिले में जोरों पर है। जानकारों की मानें तो जगह-जगह कबाड़ी सक्रिय हैं जिन्हें प्रशासन का कोई खौफ नहीं है। यही कारण है कि यह कबाड़ी चैबीसों घंटे शासन- प्रशासन और जनता को चूना लगा रहे है। सार्वजनिक जगहों से जरूरत की चीजों को क्षति तो पहुंचाया ही जाता है। इस बात से जनता काफी परेशान है। साथ ही लोगों की निजी सम्पत्तियों की भी चोरी हो जाती है जो चोरों द्वारा कबाडिय़ों को ही बेंच जा रहा है। उल्लेखनीय है कि शहर में कबाड़ व्यवसाय पर अंकुश नहीं लग पा रही है। जिससे लोगों के नवनिर्मित भवनों, सार्वजनिक स्थलों में लोग अपनी जरूरत की चीजों पर हाथ साफ करने में इन दिनों चोर औ कबाड़ी दोनों सक्रिय हैं। जिसके कारण चोर लोहे, तांबे और प्लस्टिक के सामानों को चुरा कर कबाडिय़ों को बेच देते हैं। शहर में ही सार्वजनिक जगहों में लगे लोहे की चीजों को काटकर क्षति पहुंचाया जा रहा है। इस समय जिले में कबाड़ी अपने अवैध कारोबार को खूब फैला रखें हैं उनके इस कार्य में अंकुश न लगने पर ऐसा प्रतीत होता है कि शायद पुलिस प्रशासन की अंदरूनी सहमति मिली हुई है। यही कारण है कि पुलिस के नाक के नीचे कबाड़ी धड़ल्ले से काम को अंजाम देते हैं। ज्यादातर कबाड़ी शहरी एवं कस्बाई क्षेत्रों के आसपास सक्रिय है। इनवे खेल को रात के समय क्षेत्रों में देखा जा सकता है जहां चोरी के कीमती सामानों को लाकर कबाडिय़ों को सौंपा जाता है।
जानकारी के मुताबिक शहर के रानी सागर सहित आसपास के क्षेत्र में लगे रेलिंग को उखड़ाकर और वही पुल के नट बोल्ट को भी बेच रहे हैं क्योंकि चोर और शराबी प्रवृति के लोग अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए और आधी कीमत पर कबाडिय़ों को बेंच देते हैं। दुर्गा और भिलाई का भी मॉल राजनांदगांव में खप रहा है। वहीं पुलिस द्वारा इनके खिलाफ कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की जा रही हैं। जिले सहित शहर के कबाड़ व्यवसायी लाखों का कारोबार कर रहे हैं। यहां तक कि आधे सड़क तक दुकानें फैला दिए हैं इसके बाद भी उन पर कार्यवाही नहीं होती है। सामान्य रूप से आम नागरिक या छोटे व्यापारी जब व्यवसाय करते हैं तो उन पर कार्यवाही का आदेश जारी हो जाता है लेकिन बहरी में जब कबाड़ी की दुकानें आधे सड़क तक लगती है उस पर कार्यवाही नहीं हो रही है। कही न कहीं पुलिस एवं प्रशासन की मिलीभगत इस मामले में मानी जा सकती है। जिस वजह से इन पर कार्यवाही की आंच नहीं आ रही है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कबाड़ियों को लेकर विगत दिनों मेरे द्वारा कार्रवाई की गई और साथ ही संबंधित थानों को निर्देशित किया गया है। कि जितने भी कबाड़ी दुकान है। उनकी चेकिंग लगातार की जाए। अगर कबाड़ी दुकान में चोरी का सामान पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाए