छत्तीसगढ़ राज्य के पत्रकारों की गाड़ी में गाँजा रखवाकर खनन माफियाओं ने करवाया आँध्रा पुलिस से गिरफ्तार

राज्य

 

      शिव शर्मा की रिपोर्ट

रायपुर। छत्तीसगढ़ के 4 पत्रकार अवैद्य खनन और भ्रष्टाचार की खबरें करने के लिए निकले थे और बताया जा रहा है कि सिस्टम के शिकार बन गए छत्तीसगढ़ और आंध्रा बॉर्डर जो कोंटा थाने से जुड़ा है वहां धड़ल्ले से अवैद्य खनन की सूचना पर निकले थे।

इसमें बस्तर के जाने-माने पत्रकार बप्पी , आजतक चैनल से धर्मेन्द्र, हिंदी ख़बर से मनीष और नीशू त्रिवेदी को आंध्रा पुलिस ने गाँजा तस्करी के मामले में पकड़ लिया है आंध्रा पुलिस ने छत्तीसगढ़ के चार पत्रकारों को चिंतूर थाने में बैठा रखा है।

बताया जा रहा है कि ये सभी अवैध रेत मामले की ख़बर बनाने के लिए पहुँचे थे, ख़बर पूरी तरह से अभी बनी भी नहीं थी कि ये सभी पत्रकार ही ख़बर बन गए…

कहा जा रहा है इस खनन ख़बर में पुलिस अधिकारीयों समेत खनन माफिया का भी पर्दाफ़ाश हो जाता इसलिए साजिशन पत्रकारों की गाड़ी में गाँजा रखवा कर आंध्रा पुलिस ने पत्रकारों को ही फँसा दिया है।

असल में आंध्रा और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों के बॉर्डर वाले थानों के देख-रेख में ही अवैद्य खनन का कारोबार फलता-फूलता था और अवैद्य खनन की ख़बर में बार्डर के दोनों थाने समेत खनन माफिया को भी नुकशान होना बताया जा रहा है इसलिए पत्रकारों के गाड़ी में ही इस भ्रष्टाचारी तंत्र ने गांजा प्लांट करवा दिया।

इस मामले में छत्तीसगढ़ के कई वरिष्ठ पत्रकारों ने आंध्रा के पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से मामले की जांच करने की बात की है। बस्तर जिला पत्रकार संघ ने भी इस मामले को लेकर आंध्रा के पत्रकारों से मदद करने का आग्रह किया है।
आईरा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत वर्मा ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच एवं दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है बिना किसी जांच के पत्रकारों को आरोपी नहीं बनाया जा सकता
पत्रकारों को साजिशन फंसाने की कोशिश, सरकार हस्तक्षेप करे : रायपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर

खनन माफियाओं के खिलाफ खबर बनाने गए बस्तर के चार पत्रकारों की गाड़ी में गांजा रखकर उन्हें फसाने की कोशिश आंध्रप्रदेश की पुलिस कर रही है। इसमें छत्तीसगढ़ के सुकमा के एक टीआई की भूमिका संदिग्ध है, जिसके साथ पत्रकारों की कहासुनी हुई थी। माना जा रहा है उसने ही पत्रकारों को फंसाने गाड़ी में गांजा रखवाया है। सीसीटीवी फुटेज में भी दो लोग रात में उनकी गाड़ी खोलते हुए दिख रहे हैं। ये फुटेज छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ गृह मंत्री तक भी पहुंचा है। बाकी सीसीटीवी फुटेज डिलीट करने की कोशिश भी की गई है। इस पूरे मामले में साजिशन पत्रकारों को फंसाने की कोशिश की जा रही है।

माननीय मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और राज्य के डीजीपी को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और पत्रकारों के खिलाफ साजिश रखने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। गृह मंत्री जी इस मामले को देख भी रहे हैं, उम्मीद करते हैं पत्रकारों के साथ अन्याय नहीं होगा।

 

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