सनत बुधौलिया की रिपोर्ट
शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन रायपुर के सौजन्य और महाविद्यालय के हिन्दी विभाग के समन्वय से कक्षा में अधिगम समृद्ध वातावरण का निर्माण विषय पर एकदिवसीय व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय भोपाल से गुरबचन सिंह व अजीम प्रेमजी फाउंडेशन रायपुर से राधेश्याम थवाईत उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रारंभ माँ सरस्वती के वंदना व दीप प्रज्वलन से हुआ। कार्यक्रम की समन्वयक हिन्दी विभाग प्रमुख डॉ. सीमा अग्रवाल ने मुख्य वक्ताओं का परिचय कराया और उनकी उपलब्धियों से परिचय कराया। कार्यक्रम में होने वाली गतिविधियों व कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया। कार्यक्रम की भूमिका बांधते हुए डॉ. डी.के. बोदले ने एफ.एल.एन. के बारे में बात करते हुए कहा कि कक्षागत अधिगम केवल भौतिक संसाधनों पर ही निर्भर नहीं करता एवं बताया कि हमें अधिगमकर्ताओं पर केंद्रित शिक्षा के लिए क्या करना चाहिए। तत्पश्चात मुख्य वक्ता गुरबचन सिंह ने कक्षागत शिक्षण में भाषा समृद्ध वातावरण की समझ, उसकी आवश्यकता व छात्राध्यापकों के स्वयं के अनुभव व किए गए कार्यों के बारे में चर्चा सत्र का आरंभ किया। एक वृहद सत्र में छात्राध्यापकों से उक्त बिंदुओं पर विचार आमंत्रित किए गए और उन विचारों पर अपनी स्पष्टता प्रकट की। इसके पश्चात कुछ शिक्षण अधिगम सामग्रियों व गतिविधि आधारित क्रियाकलापों के माध्यम से कक्षागत अधिगम में भाषा समृद्ध वातावरण के निर्माण की समझ से छात्राध्यापकों को परिचित कराया। उक्त व्याख्यान से छात्राध्यापकों में कक्षाओं में भाषा समृद्धि के क्षेत्र में बेहतर समझ विकसित हुई। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. कामायनी कश्यप ने कार्यक्रम के मुख्य वक्ताओं व आयोजकों व ए.पी.एफ. के निर्देशक सुनील साह का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के अकादमिक सदस्य डॉ. अर्चना वर्मा, शेफाली मिश्रा, अनुपमा अम्बस्ट, शान्त्वना शुक्ला, लता मिश्रा, योगेश्वरी महादिक, रुख्मणी सोनी, भावना बैरागी व बी.एड. एम.एड. के छात्राध्यापक उपस्थित रहे।