नीरज चोपड़ा भाला वहीं फेकना जहां गोल्ड मेडल रखा है

खेल

संजय दुबे 

इतिहास को उठाकर देखे तो भारतीय संस्कृति में भाला फेकने वाले दो ही दिग्गज का नाम ध्यान में आता है।पहले है पांडु पुत्र युधिष्ठिर और दूसरे महाराणा प्रताप। इनके बाद सारी दुनियां तीसरे व्यक्ति के। रूप में किसी को जानती है तो वो है नीरज चोपड़ा।
भारत में चोपड़ा उपनाम का स्मरण करते ही एक कलाकार स्मृत होते है प्रेम चोपड़ा। बॉबी फिल्म में खलनायक की भूमिका में प्रेम चोपड़ा का एक डायलॉग बड़ा चर्चित हुआ था।मेरा नाम है प्रेम, प्रेम चोपड़ा। 2020ओलंपिक खेलों में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड की सीमा रेखा तय की थी तब प्रेम चोपड़ा ने स्वीकार किया था कि देश दुनियां अब केवल एक चोपड़ा को जानेगी वो है नीरज चोपड़ा।
पेरिस, शहर में भारत के खिलाड़ी दूसरे देशों में आयोजित ओलंपिक खेलों की तुलना में ज्यादा बेहतर रिकार्ड बनाते आये है। 1900के पेरिस ओलंपिक में कोलकाता में जन्मे पिचर्ड ने एक ही ओलंपिक में दो सिल्वर मेडल जीते थे। पेरिस में ही आयोजित 2024ओलंपिक खेल में मनु भाकर ने दो मेडल जीत कर पहली महिला बनी।अब पेरिस में नया इतिहास और बनने वाला है। मेरा मानना है कि नीरज चोपड़ा, पहले ऐसे भारतीय खिलाड़ी बनने जा रहे है जिन्होंने दो ओलंपिक खेलों में लगातार दो गोल्ड मेडल जीते हो। यद्यपि खेल के खत्म हुए बगैर परिणाम के बारे में कहना अनुचित है लेकिन संभावना की तीव्रता को देखा जा सकता है। राष्ट्र मंडल खेल(2018), एशियाई खेल(2018,2022)और ओलंपिक खेल (,2020)का गोल्ड मेडल पहने नीरज चोपड़ा फिलहाल शूटर अभिनव बिंद्रा के साथ ओलंपिक खेलो एक गोल्ड मेडल जीतने वाले दूसरे खिलाडी है। वे भारतीय हॉकी टीम के बाद सर्वाधिक गोल्ड मेडल जीतने वाले दूसरे खिलाडी बनने जा रहे है। उनका क्वालिफाइंग राउंड में प्रदर्शन जो छः खिलाड़ी फाइनल में पहुंचे है उनमें सबसे बेहतर है। नीरज चोपड़ा ने 89.38मीटर की दूरी तक भाला फेंका है जो टोक्यो ओलंपिक खेलों में फेंके गए रिकार्ड 89.48मीटर से .10मीटर कम है। फाइनल में नीरज को केवल ग्रेनाडा के ए पीटर्स चुनौती देते दिख रहे है। पीटर्स ने 88.63मीटर की दूरी भाले से तय की है। दोनो खिलाड़ियों के बीच सिर्फ.85मीटर का फर्क है। देश बेफिक्र है कि नीरज का भाला उस दूरी को तय करेगा जहां पर गोल्ड मेडल रखा हुआ है।
नीरज चोपड़ा, आज अगर इतिहास रचते है तो स्वीडन के एरिक लेमिंग(1908,1912),फिनलैंड के जोन्नी मायरा (1920,1924) चेक गणराज्य के जॉन जेलेंजी(1992,1996)और नार्वे के एडमैस टी (2004,2008)के दो बार लगातार गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के समकक्ष खड़े हो जाएंगे।142करोड़ शुभ कामनाएं नीरज के उस हाथ के साथ है जो इतिहास रचेगी और142करोड़ बधाई प्रतीक्षारत है।आखिर उनका नाम है नीरज, नीरज चोपड़ा।
आज वाहिद अली वाहिद की एक नज्म गुनगुनाने का मन करता है
कब तक बोझ संभाला जाए
द्वंद्व कहां तक पाला जाए
दूध छीन बच्चों के मुख से
क्यों नागों को पाला जाए
दोनों ओर लिखा हो भारत
सिक्का वही उछाला जाए
तू भी है राणा का वंशज
फेंक जहां तक भाला जाए
इस बिगड़ैल पड़ोसी को तो
फिर शीशे में ढाला जाए
तेरे मेरे दिल पर ताला
राम करें ये ताला जाए
वाहिद के घर दीप जले तो
मंदिर तलक उजाला जाए
कब तक बोझ संभाला जाए
युद्ध कहां तक टाला जाए
तू भी राणा का वंशज
फेंक जहां तक भाला जाए

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