अंबागढ़ चौकी अंग्रेजी माध्यम स्कूल फिर से विवादों में,

राज्य

शिव शर्मा की रिपोर्ट

अम्बागढ़ चौकी :-
भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष रियाजुद्दीन (राजू) कुरैशी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि स्वामी आत्मानंद सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल अंबागढ़ चौकी का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
स्कूल के प्राचार्य की लापरवाही से स्कूल में कार्यरत शिक्षकों को तीसरा महीना बीतने को है मगर शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है जबकि जिले अन्य स्कूलों में शिक्षकों को नियमित रूप से वेतन मिल रहा है जो ईस बात को प्रमाणित करता है कि समस्या जिला शिक्षा विभाग की नहीं है समस्या यहां के प्राचार्य की कार्यशैली पर है जिसके कारण आए दिन अंबागढ़ चौकी का यह स्कूल विवादों में रहता है चाहे बोर्ड परीक्षाओं का निम्न स्तर का रिजल्ट हो चाहे 9 वीं और 11वीं के होम परीक्षाओं में बच्चों का फेल होना या फिर निष्पक्ष तरीके से बोर्ड परीक्षाओं को नहीं कराया जाना है। ईस बार मामला कुछ अलग है शिक्षकों के वेतन के लिए राशि आवंटित हो जाने के बाद भी प्राचार्य की लापरवाही के कारण शिक्षकों को तीसरे महीने में भी वेतन नहीं मिल पाया है जोकि पूरे शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है, ऐसी जानकारी मिली है कि आत्मानंद उत्कृष्ट सरकारी स्कूल अंबागढ़ चौकी एक अंग्रेजी माध्यम का स्कूल है मगर यहां के प्राचार्य द्वारा स्कूल के शिक्षकों का वेतन बानाने का काम एक हिंदी माध्यम के शिक्षक से करवाया जाता है जबकि शासन द्वारा आफिस कार्य के लिए स्टाफ की नियुक्ति की गई है मगर प्राचार्य द्वारा हिन्दी माध्यम के शिक्षक से कार्यालयीन कार्य कराना समझ से परे है। यह वही हिंदी माध्यम का शिक्षक है जिसे पूर्व में बोर्ड परीक्षाओं का सहायक सुप्रीटेंडेंट बनाया गया मगर बाद में जब बोर्ड परीक्षाओं में चीटींग की शिकायत हुई तो बोर्ड परीक्षाओं के बीच में ही ईन्हे हटाया गया था तो इससे स्पष्ट होता है प्राचार्य द्वारा जानबूझकर एक हिन्दी माध्यम के विवादित शिक्षक को अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में कार्य कराया जा रहा है जिसका परिणाम है कि आज अंबागढ़ चौकी का स्कूल पूरे जिले में सबसे पिछड़ गया है और तो और होम बोर्ड परीक्षाओं में 10 सबसे खराब रिजल्ट वाले स्कूलों की श्रेणी में है और होम परीक्षाओं में भी स्कूल के सबसे ज्यादा बच्चे फेल हुए हैं।
अंत में जिला अध्यक्ष कुरैशी ने कहा कि जिला शिक्षा विभाग को अगर अंबागढ़ चौकी स्कूल को फिर से पुरानी स्थिति में लानी है तो स्कूल प्रबंधन में बदलाव करना होगा और अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में हिंदी माध्यम के शिक्षकों को तत्काल हटाया जावे जिससे प्राशासनिक और बच्चों की पढ़ाई में हो रहे नुकसान से बचा जा सकता है और हायर सेकेंडरी के हालात तो और खराब हमारे पास हायर सेकेण्डरी में पर्याप्त संविदा शिक्षक है उसके बाद भी प्राचार्य द्वारा जिला शिक्षा विभाग को ग़लत जानकारी देकर कुछ शिक्षकों यहां अटैचमेंट में रखा हुआ जो ना तों स्कूल में बच्चों को पढ़ाते और न कोई कोई काम करते हैं सरकार को गुमराह कर मुफ्त का वेतन ले रहे हैं जोकि जांच का विषय है इसलिए सबसे पहले ऐसे शिक्षकों को अपने मूल पदस्थापना में वापस भेजा जावें और सरकार को गलत जानकारी देकर उन्हें यहां अटैचमेंट कराने वाले पर दंडात्मक कार्यवाही की जावें क्योंकि प्रदेश में बहुत से स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है और अंबागढ़ चौकी हायर सेकेण्डरी में कुछ शिक्षक बीना किसी कार्य के यहां अटैचमेंट होकर मुफ्त का वेतन ले रहे हैं।

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