जंगलों में खुलेआम चल रहा जुआं

राज्य

शिव शर्मा की रिपोर्ट

छुईखदान। जिले के छुईखदान, मोहगांव, गंडई, साल्हेवारा पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम झुरानदी, बाई कटोरी, छिंदारी, पैलीमेटा, मोहगांव के जंगलों में खुलेआम जुआं के अड्डे चल रहे हैं। पुलिस के सुस्त होने के कारण प्रतिदिन इन अवैध जुआं फड़ों में लाखों के दांव लग रहे हैं। कार्रवाई नहीं होने से जुआरियों के हौसले बुलंद हैं।

जुआं खेलने वाले के द्वारा नियम-कानून को ताक में रखकर इन गांवों व आसपास के कुछ गांवों के लोग जुआ फड़ का अवैध ढंग से संचालन कर रहे हैं। हर दिन में इन्हीं गांवों में स्थान बदल-बदल कर जुआं खिलाया जा रहा है। इन गांवों में धमधा, बेमेटरा, दुर्ग, राजनांदगावं, रायपुर, कवर्धा सहित दूसरे जिलों और दूर-दराज से जुआं खेलने के लिए जुआरी प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। इस काले धंधे के बारे में स्थानीय पुलिस को जानकारी है, इसकी बावजूद छापामार कार्रवाई नहीं करने से कई सवाल उठ रहे हैं।

52 परियों के प्रेमी दोपहर बाद अपने-अपने घरों से निकलते है और अलग-अलग रास्ते से बिना रोक-टोक के जंगल में पहुंचकर लाखों रुपये का वारा-न्यारा करते हैं। 52 परियों का खेल दोपहर तीन बजे से प्रारंभ होकर रात नौ बजे तक चलता है। इस दौरान लाखों रुपये के दांव लगाए जाते है।

जिले के जंगलों में चल रहे जुआ फड़ में संचालकों द्वारा पहुंचने वालों को तमाम तरह की सुविधाएं मुहैय्या कराई जा रही है। यथा खान-पान से लेकर नशा की वस्तुएं व उधार गिरवी में पैसे का इंतजाम भी फड़ स्थल पर उपलब्ध कराया जाता है। पुलिस के पहुंचने की सूचना देने के लिए भी जंगल में मोबाइल से लैस लोगोंं को फड़ संचालकों द्वारा तैनात किया जाता है ताकि उन्हें समय पर सूचना मिल सके और वे अपना ठिकाना बदल सके।

 

क्षेत्र के जंगल ऐसा है जहां फड़ का संचालन सर्वाधिक हो रहा है और कार्रवाई के अभाव में ये सुरक्षित ठिकाना बने हुए है। ऐसा नहीं है कि जंगल में चल रहे हाईटेक जुआ के इस अवैध कारोबार की जानकारी संबंधी थाना क्षेत्रों के प्रभारियों अथवा उनके स्टाफ को नहीं है। ऐसी चर्चा है कि जुआ फड़ के संचालकों को कुछ सफेद पोश लोगों तथा पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों का संरक्षण भी प्राप्त है। जिसकी वजह से कार्रवाई कर कोई पंगा नहीं लेना चाहता। फलस्वरूप शांत रहने में ही अपना भलाई समझ रहे है।

*वर्जन*

अभी तक ऐसी कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। अगर क्षेत्र में जुआ चल रहा है तो छापामार कार्रवाई की जाएगी। अवैध कारोबार को बिल्कुल बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है।

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