संतोष कुमार सोनी के साथ सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
बांदा जनपद के नरैनी ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत चंदपुरा महोरछा में यहाँ के ग्राम वासियों के अनुसार एकअजीबोगरीब मामला देखने को मिल रहा है यहाँ की ग्राम प्रधान रंजना रावत ने तो कमाल ही कर दिया इन्होंने प्रशासन की आंखों में बेखौफ सरेआम धूल झोकते हुये हमारे प्रदेश के तेज तर्रार, न्यायप्रिय, यशस्वी मुख्यमंत्री योगी जी की भावनाओं को ही चुनौती दे डाली इन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में संचालित विकासशील योजनाओं का माखौल उड़ाते हुये अपने पद का दुरूपयोग कर खुद के देवर उमेश रावत को ही प्रधानी की कमान थमा दी। जिसकी मनमानी से आज बेखौफ दबंगई के साथ प्रधानी चलाई जा रही है सूत्रों की यदि मानें तो चुनावी दौरान ग्राम प्रधान रंजना रावत द्वारा यहाँ के रहवासियों को खुद को पढ़ा लिखा विकासशील आदि आदि के सपने दिखाने पर इनके मायाजाल में फंसी जनता ने इन्हें ग्राम प्रधान तो बना दिया किन्तु चुनाव जीतने और प्रधान बनते ही इन्होंने अपना रुतबा दिखाते हुये अपने पति विवेक रावत जोकि मुम्बई में रहते हैं उनके पास मुम्बई चली गयी जिनका पंचायत में आगमन पूरे साल में सिर्फ एक बार 15 अगस्त को होता है बाकी सालभर ग्राम प्रधान मुम्बई में ही रहती है अब ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण सोचने वाली बात यह है की आखिर बांदा जनपद की इस नरैनी ब्लॉक में कितनी बड़ी अंधेरगर्दी है की प्रधान नदारत और ब्लॉक में बैठे बड़े बड़े जिम्मेदारों द्वारा ग्राम सभा में हो रहे विकास कार्यों का भुगतान बेधड़क किसके हस्ताक्षर से हो रहा है? और कैसे? जबकि इनका देवर उमेश रावत तथा सचिव सुरेश वर्मा बेखौफ पंचायत में हो रहे विकास कार्यों में सिस्टम बाजी कर खुलेआम भ्रष्टाचार की इबारत लिख रहे हैं जबकि इनकी कार्यशैली से पंचायत वासी खासे आहत भी हैं किन्तु इन्हें किस बात का डर क्योंकि ग्राम प्रधान तो कोई और है वह भी महिला बाकी सारे कार्यों का भुगतान ग्राम सचिव सुरेश वर्मा की मेहरबानी से बेधड़क हो ही रहा है!
अब आपको दिखाते हैं इनके कारनामों का तिलिस्म इनकी पंचायत में जबसे रंजना रावत ग्राम प्रधान बनी और इनके देवर उमेश रावत को सचिव सुरेश वर्मा का साथ मिला इन दोनों ने भ्रष्टाचार की सारी सीमायें ही लांघ दी एक छोटा सा उदाहरण देखें इन दोनों कलाकारों ने विगत वर्ष 2022-023 के माह नवम्बर 2023में अपने पंचायत के हैण्पम्पों के मरम्मत कार्य हेतु लगातार एक ही दिनाँक नपर लगभग 70,940=00 का भुगतान भी किया जिसमें लोगों के अनुसार आज भी इनकी पंचायत के 4 सरकारी हैण्डपम्प महज कुछ महीने ही बीते होगे इस समय महीनों से अपनी दुर्दशा के चलते अर्धविक्षिप्तअवस्था में खड़े हैं जिनसे यहां के लोग अपनी प्यास बुझाने का इंतजार कर रहे हैं किन्तु इन्हें क्या इनको तो वर्तमान में पंचायत में हनुमान मंदिर के पास लगभग 5 लाख में स्वीकृत 100 मीटर सीसी रोड जल्द बनानी है और धन भी तो कमाना है अतः पूर्व प्रधान द्वारा डाली गयी सी सी रोड के ऊपर ही सी सी डालकर जल्द से जल्द लम्बा चौड़ा भुगतान कराना है ताकि राज ना खुले अब ऐसे में जनता प्यासी मरे तो मर जाये इन्हें तो दौलत मिलना चाहिए बस!
आखिर यह कैसा रामराज्य है जहाँ पर योगी जी जैसे तेजतर्रार, स्वच्छ छवि वाले कुशल प्रशासक के रहते हुये भी रिश्वतखोर बेखौफ हैं तथा सरेआम मिलजुल कर प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने का काम हो रहा है और फिर भी चारों तरफ विकास होने के दावे किये जाते हैं!! इस पंचायत की यह तो एक छोटी सी बानगी है यदि गहराई से जांच की जाये तो इनके कारनामों की बहुत बड़ी फेहरिस्त है इनके बहुत बड़े बड़े घोटाले सभी के सामने होंगे किन्तु करेगा कौन? यह भी बहुत बड़ा सवाल है क्योंकि जब बिना ग्राम प्रधान की उपस्थिति के सब चल रहा है सारे भुगतान बेधड़क हो रहे हैं तो फिर आगे बताने की शायद जरूरत ही नहीं आप स्वयं समझदार हैं!!