विष्णु चतुर्वेदी की रिपोर्ट
बिहार में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी मोहन प्रकाश ने, बिहार में कांग्रेस की खोई हुई जमीन को, वापस लाने, के लिए महत्वपूर्ण राजनीतिक कार्य किया, जब बुधवार 20 मार्च को पांच बार के सांसद बिहार के कद्दावर नेता राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव अपनी पार्टी जाप को लेकर कांग्रेस में शामिल हो गए ?
लगभग चार दशक बाद, कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकारों ने, बिहार के भीतर एक मजबूत राजनीतिक फैसला लिया, और पप्पू यादव को कांग्रेस में शामिल करवाया !
बाबू जगजीवन राम और जगन्नाथ मिश्रा, गफूर, जैसे बड़े कद्दावर कांग्रेसी नेताओं, के बाद बिहार में ऐसा एक भी कद्दावर नेता नहीं हुआ जो कांग्रेस की बिहार में वापसी करवा सके ?
कांग्रेस, अपने घिसे पिटे नेताओं पर ही भरोसा कर दाव खेलती रही ? बाबू जगजीवन राम के बाद उनकी बेटी श्रीमती मीरा कुमार भी बिहार में कांग्रेस की जमीन को नहीं बचा पाई बल्कि मीरा कुमार ने बिहार में बाबू जगजीवन राम की जमीन को भी संभाल कर नहीं रखा और वह स्वयं भी सासाराम से लोकसभा का चुनाव हार गई ?
अब सवाल उठता है कि क्या पप्पू यादव बिहार में कांग्रेस की खोई हुई जमीन को वापस ले आएंगे ?
पप्पू यादव ने कांग्रेस को ज्वाइन करते हुए प्रेस से कहा कि उनकी जिंदगी सेवा और संघर्ष भरी रही है ! पप्पू यादव के कांग्रेस में शामिल होने और उन्हें लोकसभा का चुनाव लडाने से, कांग्रेस बिहार में मजबूत नहीं होगी, कांग्रेस मजबूत होगी जब कांग्रेस बिहार कांग्रेस की कमान पप्पू यादव या रंजीता रंजन के हाथ में देगी ? पप्पू यादव की नजर 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ ही 2025 के विधानसभा चुनाव पर भी है, और कांग्रेस बिहार में विधानसभा चुनाव में अच्छी परफॉर्मेंस देने के बाद ही अपनी जमीन को वापस पा सकती है लेकिन इसके लिए कांग्रेस को बिहार में अपना मजबूत केडर तैयार करना होगा? कांग्रेस के लिए मजबूत के डर खड़ा करने की क्षमता राजेश रंजन और रंजीता रंजन की जोड़ी में है ?
पप्पू यादव के कांग्रेस में शामिल होने से बिहार में इंडिया गठबंधन को मजबूती मिलेगी ?
बिहार के सीमांचल में पप्पू यादव का मजबूत राजनीतिक वजूद है जिसका फायदा कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को मिलेगा ?
पप्पू यादव ने कांग्रेस ज्वाइन करते हुए कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश की तारीफ की और उन्हें धन्यवाद भी दिया !
सवाल यह है कि जो काम मोहन प्रकाश ने बिहार जाकर किया वैसा काम कांग्रेस के अभी तक के बिहार प्रभारी नहीं कर पाए थे ?
राजस्थान के मोहन प्रकाश एक ऐसे नेता है, जो पूरी ईमानदारी और वफादारी के साथ कांग्रेस की सेवा कर रहे हैं, जो ना तो स्वयं के लिए विधानसभा का टिकट चाहते हैं ना ही लोकसभा और ना ही राज्यसभा, और ना ही उन्होंने कभी अपने परिवार के सदस्य के लिए सत्ता और संगठन में कभी कोई पद नहीं मांगा, जबकि राजस्थान से राज्यसभा में राजस्थान से बाहर के नेता जाते रहे मगर मोहन प्रकाश के मुंह से यह नहीं निकला की उन्हें राज्यसभा क्यों नहीं दी जबकि कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने पर नेता या तो कांग्रेस छोड़कर चले जाते हैं या फिर अपना मुंह फुला कर बैठे-बैठे कांग्रेस की बुराइयां करते हैं ? राहुल गांधी के सबसे भरोसेमंद नेता मोहन प्रकाश को राहुल गांधी ने इसीलिए बिहार भेजो ताकि वह बिहार में कांग्रेस को मजबूत स्थिति में लेकर आए? मोहन प्रकाश के सामने पप्पू यादव को लेकर लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव एक बड़ी चुनौती थी, मोहन प्रकाश ने अपने पुराने राजनीतिक संबंधों से लालू प्रसाद यादव को मनाया और पप्पू यादव को कांग्रेस में शामिल कराया ?