सनत बुधौलिया
झाँसी । राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी एवं महामंत्री अरुणा शुक्ला ने संयुक्त रूप से बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जनपद के प्रतिष्ठित समाजसेवी डॉ० संदीप सरावगी उपस्थित रहे मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम किया गया। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के गांधी ऑडिटोरियम में झांसी मंडल के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने अवगत कराया कि लोकसभा चुनाव की शुरुआत हो चुकी है। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। देश के 97 करोड़ मतदाता मिलकर मिलकर 543 सांसदों का चुनाव करते है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने अपनी जनपद शाखाओं के माध्यम से प्रदेश के हर जनपद में मतदाताओं को जागरूक करने का कार्यक्रम शुरू किया है। संयुक्त परिषद के अधिकांश कर्मचारी पब्लिक सेक्टर से जुड़े हैं। आम जनता के साथ उनका उनका सीधा जुड़ाव है। खाद्य रसद विभाग के कर्मचारी प्रदेश के किसान, मजदूर एवं अंत्योदय योजना सभी लाभार्थियों के साथ सीधे जुड़े हुए हैं। आंगनबाड़ी एवं लाखों की संख्या में आशा कार्यकर्त्रियां प्रत्येक गांव में घर-घर घुसी हुई है। प्रदेश की शत प्रतिशत आबादी उनके संपर्क में है। समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी एवं शिक्षक आश्रम पद्धति, एकलव्य एवं जनजाति विद्यालयों के माध्यम से प्रदेश के पिछड़े एवं उपेक्षित वर्ग के लोगों, जनजाति एवं आदिवासी परिवारों के साथ जुड़े हुए हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, ऐसे कर्मचारियों का समूह है, जिसके संपर्क में प्रदेश की शत प्रतिशत आबादी है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की महामंत्री अरूणा शुक्ला ने कहा कि चुनाव में सबसे अधिक सक्रिय भागीदारी महिलाओं की होती है। विगत लोकसभा चुनाव में महिलाओं का वोट प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले अधिक रहा है। इस बार भी हमारा प्रयास है कि शत प्रतिशत महिला मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉक्टर संदीप सरावगी ने कहा लोकतंत्र के पावन पर्व लोकसभा आम चुनाव की घोषणा हो चुकी है लोकतंत्र में एक सशक्त और लोक हितकारी सरकार चुनने का उत्तरदायित्व आम जनता का होता है क्योंकि आम जनता ही अपने जनप्रतिनिधि चुनकर विधानसभा और लोकसभा में भेजती है। चुनाव को सकुशल संपन्न करने का उत्तरदायित्व केंद्र और राज्य के कर्मचारियों का होता है जिनकी कार्य कुशलता और कर्तव्य परायणता से चुनाव निर्बाध रूप से संपन्न होते हैं। किसी भी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारी का मुख्य कार्य शासन और कर्मचारियों के बीच सामंजस्य स्थापित करना होता है जिससे कभी दोनों के बीच टकराव की स्थिति ना उत्पन्न हो। जहां तक कर्मचारियों की समस्याओं की बात है तो उनके कुशल प्रतिनिधि अपने सहयोगियों की समस्याओं को भी सरकार के समक्ष रखकर उसका निराकरण कराते हैं। अपने सहयोगियों का सुख-दुख में साथ निभाना भी संगठनों के पदाधिकारियों का उत्तरदायित्व होता है जहां तक मुझे जानकारी है राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश का एक सशक्त कर्मचारी संगठन है । अगले के क्रम में कर्मचारियों की समस्याओं पर बात करते हुए परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारीने बताया कि आउटसोर्स एवं संविदा कर्मचारियों की समस्याओं से संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया है। विश्वविद्यालय में कार्यरत स्ववित्त पोषित योजनाओं में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित किए जाने के संबंध में भी राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने 1 मार्च 2024 को अपर मुख्य सचिव कार्मिक के साथ वार्ता किया था। उन्होंने कर्मचारियों से अपील किया है कि चुनाव के समय किसी भी पार्टी के लोक लुभावने वादों में आए बिना अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए निष्पक्ष रूप से एक स्थिर सरकार बनाने के लिए शत प्रतिशत मतदान करें एवं जनता को भी प्रेरित करें। आज की प्रेस वार्ता /बैठक में संयुक्त परिषद के उपाध्यक्ष शहंशाह अली, झाँसी मंडल के अध्यक्ष डॉ० प्रभाकर शास्त्री, मंडल प्रभारीे अनीता जी, नेहा, लक्ष्मी आर्या, सुनील कुमार सिंह, राम लखन मिश्र, सुरेश चंद्र रायकवार, चंद्रशेखर आर्य, बृजेंद्र यादव, राम विनोद सिंह, अभय तिवारी सहित हमीरपुर, झांसी, उरई, ललितपुर के राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों के सैकड़ो की संख्या में शिक्षक एवम् आई टी आई, विश्वविद्यालय के सैकड़ों की संख्या में उपस्थित रहे।