संस्कृत विद्या मंडलम बन गया भ्रष्टाचार एवम अनियमितताओं का कमंडल

राज्य

 

सनत बुधौलिया की  रिपोर्ट

संस्कृत विद्या मंडलम छत्तीसगढ़ ने पिछली सरकार में निरंकुश होकर खरीदी में भ्रष्टाचार,कमीशनखोरी, संस्कृत विद्यालयों की मान्यता मेअपने चहेतों को वरीयता देना, परीक्षाओं में प्रतिशत बढ़ाने का ठेका जैसी तमाम प्रकारकी अनियमितताओं की कहानी इस संस्कृत विद्या मंडलम के आगोश में समाई हुई है,जो बाहर आने को चीत्कार कर रही हैं।

संस्कृत विद्या मंडलम से सम्बंध संस्कृत विद्यालयों के माध्यम से पैसा कमाने का खुला खेल यहां चलता रहता है, परंतु इसके मुखिया एवम उच्च अधिकारी अपनी आंखे बंद कर मूक दर्शक बनकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा क्यों दे रहे हैं,आखिर इस वेद भाषा संस्कृत को बदनाम करने की साजिश की जा रही है।
बताया जा रहा है कि विद्या मंडलम द्वारा संचालित परीक्षाओं में मोटी रकम परीक्षार्थियों से वसूली जाती है। सूत्रों ने बताया कि इन परीक्षाओं में परीक्षार्थी के पास उत्तर पुस्तिकाएं पहले से ही पहुचाई जाती है तथा उत्तर लिखने का कार्य अन्य व्यक्ति द्वारा कराया जाता है इसके लिए संस्कृत विद्यालयों के संचालकों द्वारा विद्यार्थियों से 20000 हजार से लेकर 50000 हजार रुपए की मोटी रकम परीक्षा में 80% तथा85% अंक दिलाने की गारंटी के साथ परीक्षार्थी को परीक्षा में सम्मिलित कराया जाता है , परीक्षा केंद्रों के माध्यम से यह राशि संस्कृत विद्या मंडलम में पहुचाई जाती है। आखिर इस खुले खेल की ओर मंत्रालय और संचनालय में बैठे अधिकारियों का ध्यान क्यों नही जा रहा हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *