लोकेंद्र भुवाल की रिपोर्ट
*बेमेतरा। बेमेतरा ज़िले में महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अद्वितीय प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में, लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को एक मजबूत आधार प्रदान किया जा रहा है, ताकि वे वित्तीय और सामाजिक रूप से सक्षम बन सकें। ज़िला महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से किए जा रहे इन प्रयासों का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। झलक ,झंकार और गायत्री सेवा महिला स्वसहायता समूह। की महिलाएँ फूलबाती (विक्स) बना रही है।*
*झलक,झंकार महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष, श्रीमती गायत्री सोनी, बताती हैं कि समूह की यात्रा अगस्त 2024 के अंत में शुरू हुई जब ज़िला प्रशासन द्वारा अधिकारियों की मोजूदगी में समूह को मशीन से रूई से फूलबाती बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इसके तहत न केवल तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया गया, बल्कि आर्थिक सहायता भी दी गई, जिससे महिलाएं कच्चामाल और मशीनें खरीद सकीं।*
*प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को फूलबाती बनाने की विधि सिखाई गई, जो एक सरल प्रक्रिया होते हुए भी आर्थिक रूप से लाभदायक हो सकती है, विशेष रूप से त्योहारों के मौसम में। महिलाएं अपने दैनिक घरेलू कामों को निपटाने के बाद, मशीन से फूलबाती बनाती हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है। इस योजना ने उन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का एक ठोस रास्ता प्रदान किया है, जो पहले केवल घरेलू कार्यों तक सीमित थीं।*
*समूह की महिलाओं ने प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता का सही उपयोग करते हुए अपना काम शुरू किया। उन्होंने कच्चा माल ख़रीदा और फूलबाती बनाने का काम तेज़ी से शुरू कर दिया। दिवाली का त्यौहार नज़दीक है और इस अवसर को भुनाने के लिए महिलाएं पूरी लगन से काम कर रही है। फूलबाती की बढ़ती मांग को देखते हुए, स्थानीय बाजार से उन्हें अच्छे ऑर्डर मिलने लगे। इसके साथ ही, समूह ने स्थानीय स्तर पर भी मार्केटिंग शुरू की, जिससे उनकी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। ज़िला प्रशासन के अधिकारियों ने भी उनकी प्रोडक्ट्स को खरीदा, जिससे उन्हें और प्रोत्साहन मिला। इस प्रकार, समूह की महिलाएं न केवल घरेलू कामों को निभा रही थीं, बल्कि समाज में अपनी आर्थिक स्थिति को भी सुधार रही है।*