अरिंदम गोस्वामी की रिपोर्ट
वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में बुनियादी ढांचे के परिव्यय को बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो देश के लिए पूंजी निर्माण को बढ़ावा देगा। इसे सकल घरेलू उत्पाद का 3.4% अनुमानित किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल व्यय रु. 47.66 लाख करोड़ और कुल प्राप्तियां रु. 30.80 लाख करोड़ जिससे राजकोषीय घाटा 4.5% हो जाएगा। स्टार्ट-अप, संप्रभु संपत्ति द्वारा किए गए निवेश, पेंशन फंड के लिए कर लाभ मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष करों में संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है। अंतरिम बजट में यह भी कहा गया कि रुपये का प्रावधान है। राज्य सरकारों द्वारा मील के पत्थर से जुड़े सुधारों के लिए 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के साथ 75000 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।”सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” मुहावरे की सरकारी नीति मजबूत हुई है और अंतरिम बजट के प्रस्तावों से नीतिगत सुधारों की निरंतरता बनी हुई है। कुल मिलाकर एक बजट जो विकास में सहायता करेगा और लोकतंत्र के स्तंभों की पूर्ति के साथ धन के वितरण की समानता को बढ़ाएगा।
बजट प्रस्ताव में रूफटॉप सोलराइजेशन जैसी नवीन योजनाएं थीं, जो एक करोड़ परिवारों को बिजली प्रदान करेगी, जिससे परिवार प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त कर सकेंगे।