शिव शर्मा सम्भागीय ब्यूरो चीफ
*सूरजपुर/प्रेमनगर:-। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पूर्व प्राथमिक स्तर के बच्चों को भी शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार है इसके लिए छत्तीसगढ़ के प्रत्येक संकुल स्तर पर अंगना म शिक्षा 4.0 का एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। इसी तारतम्य में प्रेमनगर विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी आलोक कुमार सिंह के निर्देशानुसार, संकुल प्राचार्य लिनु मिंज के नेतृत्व में व संकुल समन्वयक शांतनु पाण्डेय की उपस्थिति में संकुल कोटेया में भी अंगना म शिक्षा 4.0 का प्रशिक्षण आयोजित किया गया जिसमें प्रत्येक स्कूल से एक शिक्षक अथवा शिक्षिका शामिल हुए।
बता दें कि अँगना म शिक्षा 4.0 कार्यक्रम का उद्देश्य आँगनबाडी से जुड़े छोटे बच्चों की एक्टिव मदर कम्युनिटी (सक्रिय माता समुदाय) को घर पर ही बच्चों को शिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना है। जिसके तहत पूर्व प्राथमिक स्तर के बच्चों में शैक्षिक वातावरण निर्माण करने व उनको शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अँगना म शिक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। कार्यक्रम के तहत आँगनबाड़ी में प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों की माताओं को खेल -खेल में बच्चों को शिक्षित करने की तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जो अंगना म शिक्षा अर्थात विशेष परिस्थितियों में जब बच्चे स्कूल आंगनबाड़ी ना पहुंच सकें उस स्थिति में आंगनबाड़ी से लेकर कक्षा पहली व कक्षा दूसरी तक के बच्चों को घर पर ही माताओं द्वारा शिक्षा के न्यूनतम स्तर को बताकर और घर पर सिखाकर उनका विकास कर सके।
*अंगना म शिक्षा कार्यक्रम पूर्व प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए वरदान:- आलोक कुमार सिंह*
प्रेमनगर बीईओ आलोक कुमार सिंह ने कहा कि अंगना म शिक्षा कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य घर पर ही पारिवारिक वातावरण में खेल-खेल में बच्चों को सिखाते हुए उनका सर्वांगीण विकास करना है। बच्चों की शिक्षा को रुचिपूर्ण बनाने और उन्हें खेल खेल में ही भाषा व गणित एवं विभिन्न विषयों की पढ़ाई करने के लिए अँगना म शिक्षा कार्यक्रम की शुरुआत विभाग द्वारा की गई है। जो आंगनबाड़ी से लेकर कक्षा पहली व दूसरी तक के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
अँगना म शिक्षा 4.0 के संकुल कोटेया मास्टर ट्रेनर उषा सिंह, रेशमा गोरेती खलखो, सावित्री कुर्रे व नमिता केरकेट्टा के द्वारा प्रशिक्षार्थियों को अंगना म शिक्षा के तहत अनेक गतिविधियां कराया गया जिससे प्रशिक्षणार्थियों ने कैसे बच्चों को घर और आंगनबाड़ी में शिक्षा दी जा सकती है को सीखा। इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए व्याख्याता कृष्ण कुमार ध्रुव ने कहा कि इस प्रशिक्षण से निश्चित ही उन बच्चों में शैक्षिक वातावरण का विकास होगा जो स्कूल व आंगनबाड़ी नहीं आ रहे हैं और इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों में भाषा शिक्षण और भाषा से जुड़ी हुई गतिविधियों, भाषा के चार कौशल- सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना के साथ ही विचार और समझ के साथ पढ़ने में सहायक होगा। इस प्रशिक्षण में संकुल कोटेया के समन्वयक शांतनु पाण्डेय, जयलाल सिरदार, रघुबीर सिंह, शिवप्रसाद सिंह, रूपसाय सिंह, मनीराम सिंह व संदीप कुमार पावले ने भाग लिया।