आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा । जनपद में चल रहे प्राइवेट हास्पिटल नर्सिंग होमों ने झांसी के अस्पताल में घटी घटना से नहीं लिया सबक, बिना फायर एनओसी चला रहे अस्पताल, कर रहे आमजन जीवन की जान से खिलवाड़ । सीएमओ से इस संबंध में चर्चा करने हेतु उनके सीयुजी नंबर पर लगाया फोन नही उठा आखिर इस संबंध में कौन बताएगा कि बिना फायर एनओसी लिए कैसे चल रहें हैं यह हास्पिटल और किसकी जिम्मेदारी पर।
फायर सर्विस में तैनात सीओ मुकेश से फोन पर वार्ता हुई तो उनका कहना है कि हमारे द्वारा जनपद में संचालित किसी भी हास्पिटल को एनओसी नही दी गई है आप इस संदर्भ मे अधिक जानकारी के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी य जिलाधिकारी महोदय से वार्ता करें।
अब सवाल उठता है कि जब जिले के एक जिम्मेदार अधिकारी का कहना है कि उन्होंने फायर एनओसी किसी को नही दी तो क्या फायर एनओसी प्राप्त किए बिना हास्पिटल य नर्सिंग होम का संचालन सैद्धांतिक रूप से उचित बांदा की जनता जिले के आला अधिकारियों से जवाब मांगती है कि क्या बांदा के सो रहे अधिकारियों की नींद तभी खुलेगी जब किसी हास्पिटल में झांसी जैसी घटना की पुनरावृत्ति होगी आखिर प्रशासन की नींद घटनाओं के बाद ही क्यों टूटती है यह एक यक्ष प्रश्न है जिसका जवाब जनता मांग रहीं हैं जिसे आज नही तो कल देना ही पड़ेगा।