मनोज शुक्ल की रिपोर्ट
बलौदाबाजार। वन-मंडल के अंतर्गत वाइल्डलाइफ सेंचुरी बारनवापारा अभ्यारण्य किसी परिचय का मोहताज नहीं रहा।इसकी लोकप्रियता भी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। यह अभ्यारण अपने में प्राकृतिक छटा को संजोए हुए अनेक जीव-जंतुओं से भरा-पूरा जंगल है।
बाघ के आने से यहाँ पर्यटको आवागमन जायदा हो गया है परन्तु इसके विपरीत पर्यटकों की सुविधा के मद्देनजर यहाँ किसी तरह का कोई काम-काज होता नजर नहीं आ रहा है।
वन-भ्रमण करने आने वाले पर्यटको के लिए वन विभाग की तरफ से वन-भ्रमण के लिए वर्तमान में गॉव वालो के पास लगभग 30 जिप्सी व शासन की 2 जिप्सी 2 207 Di जेनों है जिससे पर्यटको को जंगल भ्रमण कराया जाता रहा है छुट्टी के दिनों व शनिवार सन्डे को अत्यधिक पर्यटक आते है लगभग 34 गाड़ी वन-भ्रमण के होने के बाद भी लोगों को इंतजार करना पड़ता है
आने वाले पर्यटको को वन-भ्रमण की गाड़ी व गाइड मोहईया कराया जाता रहा है वर्तमान में इन नियमों को संशोधन करते हुए सभी पर्यटकों को तेंदुआ गेट के पास रोका जा रहा है जहां से वन भ्रमण के लिए गाड़ियां मोहईया कराई जानी है जिसका विरोध समस्त जिप्सी संचालको द्वारा किया जा रहा है जिप्सी संचालको को द्वारा हड़ताल की घोषणा कर दी गई है जिसके कारण आने वाले पर्यटकों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है,पर्यटकों का कहना है कि इतनी दूर हम लोग परिवार को लेकर घूमने आते है, यहां वन विभाग की कोई सुविधा पर्यटकों के लिए नहीं मिलती,वन विभाग के पास वर्तमान में आने वाले पर्यटकों को घूमाने के लिए दो जिप्सी व दो जेनों (207DI) गाड़ी मात्र है एसे में एक बड़ा सवाल उठता है की इन चार गाड़ियों के भरोसे वन विभाग पर्यटकों को कैसे घुमायेगा बार क्षेत्र से लगे हुए गांव पर्यटकों के भरोसे ही अपना जीवन यापन कर रहे थे इस संशोधन से गॉव वालों को जीवननिर्वाह करना मुश्किल हो जायगा,वही जिप्सी चालक संघ का आरोप है कि वन विभाग हम लोगों की रोजी रोटी छीनने का काम कर रहा है जो गलत है,चालक संघ ने कहां की वर्षों से हम लोग पर्यटकों को घुमाने का काम करतें है जिससे हमारे परिवार का जीवन यापन होता है, लेकिन वन विभाग हम लोगों का रोजगार छीनने का प्रयास कर रहा है।