आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा । योगीराज में अधिकारी इतने मदमस्त हो गए हैं की वह खुद को खुदा ही समझने लगे हैं जब जहां जिसे पाया बस थप्पड़ बरसा दिया और गलती से कोई यह कारनामा देख ले तो उसे साजिश बता देना इनकी फितरत में शामिल हो चुका यह वही शंकर जी सिंह एआरटीओ है जिन पर शुरुआती तौर पर एक नाबालिक से मालिश कराने का आरोप लगा था मामला चर्चित हुआ था कुल मिला कर ये अधिकारी भाजपा सरकार को बदनाम करने में कोई कसर छोड़ नहीं रहे हैं आपको बता दे पूरा मामला मवई से नरैनी रोड की ओर जाने वाले बाईपास का है जहां से मीडिया की टीम मंत्री रामकेश निषाद से मिलकर सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी के साक्षात्कार के लिए निकल रही थी तो वहीं रास्ते में यह नजारा देखने को मिला कि एआरटीओ शंकर सिंह एक ट्रक ड्राइवर को थप्पड़ जड़ रहे हैं तभी मीडिया की टीम वहां रुक गई और वीडियो बनाने लगी यह देख एआरटीओ शंकर सिंह मीडिया से ही भिड़ गए और वीडियो बनाने के लिए मना करने लगे जब उन्हे पता चला की मीडिया से हैं तो वो हम पर मिले होने का आरोप लगाने लगे। वही ड्राइवर ने बताया की वह सीमेंट लेकर कानपुर से जबलपुर जा रहे थे तभी यहां ए आरटीओ साहब ने रोक लिया और गाड़ी का कांटा करने के लिए कहा लेकिन गाड़ी का जीपीएस लॉक हो गया गाड़ी स्टार्ट नहीं हो रही थी बस इसी बात को लेकर उन्होंने थप्पड़ों की बरसात कर दी। वही एआरटीओ शंकर सिंह बांदा से बात की तो वह मीडिया पर ही बरस पड़े उन्होंने कहा आप लोग प्रि प्लानिंग के साथ यहां पहुंचे है अगर हमने खबर चलाई तो वो मीडिया पर मानहानि का केस करेंगे सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे उन्होंने कहा हम जो कहेंगे वो इन्हे करना पड़ेगा मैंने थप्पड़ नही मारा और वीडियो दिखाने पर जोर डालने लगे साथ ही मान हानि की धमकी देने लगे।
कुल मिलाकर इन अधिकारियों ने भाजपा सरकार को बदनाम कर रखा है आखिरकार सरकार ऐसे अधिकारियों पर लगाम क्यों नहीं लगा पा रही ये जनता के भगवान बने बैठे है जो शैतान से कम नहीं हैं। अगर अधिकारियों का जुल्म ऐसे ही चलता रहा तो निश्चय ही भाजपा को चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा “