*छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा वीर बाल दिवस मनाया गया*

राज्य

 

 

श्रेयांश दूरवार के साथ दीन दयाल साहू की रिपोर्ट

रायपुर , छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित खुला आश्रय , बाल गृह ( बालक ) माना कैम्प रायपुर में मुख्य अतिथि परिषद के महासचिव डॉ अशोक त्रिपाठी ने अपने उदबोधन में 500 वर्ष पूर्व सिक्खों के 10वें गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों जोरावर सिंह एवं फ़तेह सिंह के बलिदान की बात पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सिक्ख गुरू गोविंद सिंह ने इस्लाम धर्म नहीं अपनाया और अपना धर्म परिवर्तन नही किया जबकि उनके सामने उनके पुत्रों को औरंगजेब ने दीवार पर जिंदा चुनवा दिया । ज्ञात हो कि विगत वर्ष से 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रुप मे मनाने का निर्णय केन्द्र सरकार ने लिया है । विशेष अतिथि परिषद के संयुक्त सचिव राजेन्द्र निगम ने भी संबोधित किया और बच्चों को निडर होकर परिस्थितियों का सामना करने की बात कही । इसी प्रकार बाल गृह ( बालिका ) पुरानी बस्ती , स्पीच थैरेपी सेन्टर सप्रे स्कूल परिसर एवं बाल गृह (बालिका ) कोंडागाँव में भी वीर बाल दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया । संस्था में निवासरत बालक एवं बालिकाओं द्वारा गीत , नृत्य , कविता , प्रहसन एवं फैंसी ड्रेस प्रस्तुत किया गया । सभी बच्चों को पुरस्कार वितरण किया गया । इस अवसर पर परिषद के अन्य पदाधिकारी एवं कर्मचारियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करते हुये आने वाले वर्षों में इस आयोजन को और बड़े स्तर पर करने का सुझाव दिया ।

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