जल ही जीवन है

राज्य

 

रिपोर्ट सोनू करवरिया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के नेतृत्व में अटल भूजल योजना के अंतर्गत जल कोष यात्रा नरैनी के ब्लॉक सभागार पहुंची । जहां पर जल कोष यात्रा का स्वागत ब्लॉक परिसर के गेट पर लघु सिंचाई के अधिशाषी अभियंता पी एन गौतम के अगुवाई में ब्लॉक प्रमुख मनफूल सिंह पटेल और साथ में खंड विकास अधिकारी प्रमोद सिंह एवं भाजपा के मंडल अध्यक्ष ओमप्रकाश पाण्डेय ने किया। और ब्लाक के मुख्य गेट से विकास खंड के सभागार एवम परिसर तक पैदल यात्रा पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय के मार्ग दर्शन में किया गया । उसके बाद मुख्य अतिथि उमाशंकर पाण्डेय ने कृषि विभाग द्वारा लगाई गई सभी प्रदर्शनियों का निरीक्षण करते जानकारियां दी । इस संगोष्ठी की शुरुवात जल योद्धा उमाशंकर पाण्डेय के द्वारा दीप जलाकर कर की गई । मुख्य अतिथि के साथ मंचासीन सभी अतिथियों का स्वागत राजकुमार इंटर कॉलेज की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत गाकर किया गया । और ब्लाक सभागर की संगोष्ठी में उपस्थित सभी मंचासीन अतिथियों का स्वागत खंड विकास अधिकारी प्रमोद कुमार ने किया । और भाजपा के मंडल अध्यक्ष ओमप्रकाश पाण्डेय ने अपने संबोधन के द्वारा अवगत कराया कि हमारे ब्लॉक क्षेत्र के कई ऐसे गांव हैं जिनका भूजल स्तर बहुत ही खतरे में है ।इसलिए हम सबको जल संरक्षण के बारे में चिंता और चिंतन की जरूरत है । और यह भी जानकारी दी गई कि वर्षा के जल का संचयन करना चाहिए।

ब्लॉक प्रमुख मनफूल सिंह पटेल ने उपस्थित ग्राम प्रधानों और क्षेत्रवासियों से इस अभियान को सफल बनाने का आग्रह किया और बताया कि ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण और जल संचयन करके ही हम अपने कल की सुरक्षा कर सकते हैं । इस कार्यक्रम के दौरान सूचना विभाग द्वारा कठपुतली नृत्य एवं नुक्कड़ नाटक द्वारा जल संरक्षण के बारे में संदेश दिया गया । जल यात्रा के मुख्य अतिथि श्री उमा शंकर पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा कि यदि राशन कार्ड में पानी न लेना पड़े तो प्रत्येक व्यक्ति को जल संरक्षण को अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए हर वो सभी प्रयास करें जिससे आने वाले भविष्य में जल के संकट जैसी भीषण समस्या से पृथ्वी पर जीवन को बचाया जा सके । और उन्होंने यह भी बताया कि पहले हमारे पूर्वज नदियों,तालाबों में नहाते थे जिससे केवल 100 एमएल पानी खर्च होता था आज हम टोंटियों में स्नान करते हैं तो सौ लीटर पानी खर्च कर डालते हैं जो भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं । कार्यक्रम में जलशक्ति विद्यापीठ के डॉ अंकित व कृषि वैज्ञानिक डॉ दिया पटेल ने अत्याधुनिक तरीकों से कृषि सहित सभी प्रकार के उपयोगों में पानी बचाने  के तरीके बताए।

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