पर्यावरण एवं रहवासियों के लिये किसी विभीषिका से कम नहीं पहाड़ों पर हो रहा अवैध खनन

राज्य

 

 

आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट

बांदा- आपको बतादें की चित्रकूट मंडल का चाहे भरतकूप क्षेत्र का चाहे रौली गोडा हो अथवा बांदा जनपद के नरैनी तहसील का क्षेत्र यहाँ पर चल रहे पहाड़ो के खनन में ठेकेदारों द्वारा शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुये बलाए ताक रख पहाडों में किया जाता है बेखौफ खनन एवं ब्लास्टिंग का कार्य। जबकि इस कार्य में संलिप्त ठेकेदारों को बकायदा शासन द्वारा नियमानुसार खनन करने का पहाड़ा भी पढ़ाया जाता है जिसके तहत पहाडों मे ब्लास्टिंग करते समय पहाड़ से लगे सभी रास्तों को सील करते हुए आसपास के लोगों को पहाडों मे हो रही ब्लास्टिंग के समय की जानकारी देने के साथ साथ उन्हें बकायदा हिदायत भी दी जाती है की ब्लास्टिंग के समय उसकेआसपास बिल्कुल ना जायें तथा आसपास के लोग वहां ना पहुंच पायें इसके लिए ग्राम वासियों को रोका भी जाना चाहिए जिसके लिये उन्हें स्थानीय प्रशासन को अवगत कराते हुये उसकी मदद ली जानी चाहिए किंतु ऐसा नहीं होता अगर होता भी है तो मात्र कागजी कार्रवाई में। जिससे जहाँ पहाडों खदानों में कार्य करने वाले मजदूरों का जीवन असुरक्षित हो जाता है तथा इन्ही की मनमानी से तय सीमा के बाहर भी बेखौफ बेधड़क अवैध खनन जैसे कार्यों को अंजाम दिया जाता है। यही नहीं कयी ऐसे पट्टे धारक भी हैं जो निर्धारित सीमा से अधिक का खनन कार्य अधिकारियों से मिलीभगत कर उनकी कृपा प्राप्त कर बेखौफ करते भी हैं।
आज पर्यावरण को बचाने के लिए शासन द्वारा यद्धस्तर पर पर्यावरण बचाओ अभियान चलाया जा रहा है जिसमें लोगों को तरह तरह से जागरूक किया जा रहा है तथा इस अभियान के तहत शासन द्वारा भारी मात्रा में बृक्षारोपण कराये जाने का दावा भी किया जा रहा है किन्तु बिडम्बना देखिये की पहाडों मे ब्लास्टिंग एवं खनन के दौरान जो बृक्ष नष्ट हो रहें उन जगहों पर ना तो ठेकेदार द्वारा बृक्षारोपण किया जाता और ना ही प्रशासन द्वारा उन्हें ऐसा करने के लिए निर्देशित किया जाता है तभी तो पहाडों के साथ साथ बृक्षोंं का भी विनाश हो रहा है। फिर भी हम उम्मीद लगाए बैठे है कि शासन प्रसाशन के अनुसार हम सभी पर्यावरण को बचाने में कामयाब हो रहें हैं जबकि हकीकत यह है कि हम उसे बचा नहीं रहे बल्कि अधिक धन अर्जित करने की लोलुप्ता में बारूदी सुरंग लगाकर उसे भस्म कर रहे हैं अब इस सबका जिम्मेदार कौन है? यह भी आप सब समझ सकते हैं हम किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराएगें क्योंकि कारण भी स्पष्ट है कि जांच बैठेगी और नतीजा ढाक के तीन पात ही निकलेगा उल्टा कलमकारो के ही ऊपर नाना प्रकार के आरोप लगा दिए जाएगें की वह उसी में उलझकर रह जाए या फिर पत्रकारिता करना ही छोड़ दे अगर पत्रकारिता करे भी तो इन सबकी जी हुजूरी की जो सबको प्रिय हो तथा सत्यता से कोसों दूर हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *