संजय दुबे
पेरिस ओलंपिक खेल देर सबेर खत्म हो जाएगा ।याद क्या रहेगा? याद रहेगा 10मीटर पिस्टल महिला स्पर्धा और एक लड़की जो पिछले ओलंपिक खेल में पिस्टल खराब होने के कारण फाइनल में नहीं पहुंची थी लेकिन इस बार फाइनल में भी पहुंची और दुनियां को दिखा दिया कि भले ही पदक का रंग कुछ भी हो लेकिन पेरिस ओलंपिक में वे पहली भारतीय महिला है जिन्होंने भारत को विक्ट्री स्टैंड पर खड़ा कर दिया।
मनु भाखर नाम है, इस प्रतिभाशाली शूटर का जिसने अपना नाम वैसे ही लिखवाया जैसे करणम मल्लेश्वरी ने वेट लिफ्टिंग में लिखवाया,जैसे साइना नेहवाल ने बैडमिंटन में लिखवाया जैसे साक्षी मलिक ने कुश्ती और मेरी कॉम ने मुक्केबाजीमे लिखवाया। ये सभी महिलाएं अपने अपने खेल में भारत को पहला पदक दिलवाई है। अब जब भी प्रथम भारतीय महिला शूटिंग विजेता का प्रश्न उठेगा, उत्तर में मनु भाखर ही होंगी।
मनु जब किशोरावस्था में थी करीब 11- 12साल की,तब जूडो, तीरंदाजी, एथलेटिक्स, जैसे खेलो में भटकती थी।एक को पकड़ा तो दूसरे को छोड़ा। एक बार मेले में गई तो गुब्बारे को एयर पिस्टल से फोड़ते देखी तो वहां खड़ी होकर निशाना साधा। शुक्र है उस गुब्बारे वाले का जिसने देश को एक ऐसी बेटी दिया जो मेले से निकल कर अंतराष्ट्रीय शूटिंग स्पर्धा में देश के एक सौ बयालीस करोड़ लोगो को गौरवान्वित कर दी।
10मीटर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में दस देश के खिलाड़ी प्रवेश करते है और उनमें से केवल तीन ही विक्ट्री स्टैंड में खड़े हो पाते है। मनु भले ही गोल्ड मेडल नही जीत सकी लेकिन ये आज आप भी लिख कर रख ले कि मनु का भविष्य स्वर्णिम है।भले ही एकात ओलंपिक खेलों का इंतजार क्यों न करना पड़े मनु अभिनव बिंद्रा के समान ही देश का राष्ट्रीय गान ओलंपिक खेलों में गायेगी भी गवाएगी भी।
पिछले दस सालो में मनु ने जिस स्पर्धा में भाग ली है चाहे वह जूनियर हो या सीनियर विश्व स्तरीय स्पर्धा हो गोल्ड पर ही निशाना साधा है। ऐसे में भविष्य कैसे स्वर्णिम नही होगा?
आज देश के सारे प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में केवल और केवल मनु भाखर ही है। उनके किस्से है लेकिन इन सबसे बेखबर मनु भाखर अगले स्पर्धा के लिए तैयार हो रही है। स्वर्णिम निशाने के लिए, देश उत्सुक है केवल ये देखने के लिए मनु इतिहास रचने वाली है। 1928से भारत ओलंपिक खेलों में भाग ले रहा है लेकिन किसी भी खिलाड़ी ने अब तक एक ही ओलंपिक में दो पदक नही जीते है। दो अलग अलग ओलंपिक खेलों में सुशील कुमार और पी वी सिंधु ने दो दो पदक जीते है। तैयार रहिए, दिल थाम कर बैठिए, वही पे निशाना लगने वाला है जहां पर निगाहे लगी है।142करोड़ शुभ कामनाएं मनु के साथ है और गीता सार मनु के साथ है§