बैकलाग कर्मियो के काम न करने से फूटा सफाई कर्मचारियों का गुस्सा

राज्य

 

रिपोर्ट सन्दीप मिश्रा 

नगर पालिका परिषद रायबरेली में बैकलाग कर्मचारियों के अपने मूल पद पर काम नहीं करने और उनके काम का बोझ अन्य कर्मचारियों पर पड़ने से आखिरकार पालिका के कर्मचारियों का गुस्सा फूट ही पड़ा । उत्तर प्रदेशीय सफाई मजदूर संघ द्वारा बैकलाग कर्मचारियों के अपने मूल पद पर काम ना करने को लेकर नगर पालिका परिषद में नारेबाजी की गई और अपनी 10 मांगों को लेकर अधिशाषी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। संघ जिलाध्यक्ष राजकुमार आर्या ने बताया की उनका संगठन सफाई कर्मचारियों के संघर्ष को लेकर हमेशा से उनकी आवाज बुलंद कर रहा है। जिला महासचिव विनय सुदर्शन ने बताया कि 2007/8 में 43 ओबीसी के लोगों को बैकलॉग आरक्षण के तहत नगर पालिका में सफाई कर्मचारी के रूप में रखा गया था। लेकिन उपरोक्त कर्मचारियों से सफाई का कार्य न लेकर अधिकारियों द्वारा विगत कई वर्षों से नगर पालिका परिषद के विभिन्न विभागों में विभिन्न पदों पर इन कर्मियो से कार्य लिया जा रहा है। जिससे हेला, वाल्मीक समाज के सफाई कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है और यही नहीं 17 से 18 वर्षों से सफाई कर्मचारियों के स्थाई पद रिक्त चल रहे हैं। उन पदों पर नगर पालिका परिषद के उच्च अधिकारियों द्वारा बैकलाग कर्मचारियों को स्थाई पद पर रखने का षड्यंत्र भी चल रहा है। जबकि स्थाई सफाई कर्मचारियों के रिक्त चल रहे पद पर सरकारी संविदा या अस्थाई पद पर कार्यरत हेला,वाल्मीकि समाज के लोगों को ही समायोजित किया जाना चाहिए । इसी तरह संगठन ने अपनी तमाम मांगों को लेकर अधिशाषी अधिकारी को ज्ञापन दिया गया।

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