कौशल किशोर विश्वकर्मा की रिपोर्ट-
तिंदवारी (बांदा) । कस्बे में दुर्गा महोत्सव पर चल रही 11 दिवसीय श्री रामलीला के दसवें दिन अहिरावण बध व रावण बध की लीला का मंचन रामलीला मैदान मंच में किया गया। जबकि बबेरू रोड स्थित रावण दहन स्थल में राम रावण युद्ध की लीला और पुतला दहन के साथ सत्य की असत्य पर जीत के बाद नगर में दशहरे का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
शनिवार को दसवें दिन रामलीला मंच में सुप्रसिद्ध कलाकारों द्वारा अहिरावण बध की लीला का मंचन किया गया। भगवान की आरती के साथ शुरू रामलीला में अहिरावण द्वारा छल से राम व लक्ष्मण का अपहरण कर उनकी बलि देने का कुचक्र रचा गया। वीर बलवंत हनुमंत लाल जी ने मौके में पहुंच कर देवी रूप धारण करके राम और लक्ष्मण को बचा लेते हैं। तत्पश्चात अहिरावण बध की लीला हुई। इसके बाद बबेरू रोड, बुड्ढन तालाब में स्थित रावण दहन स्थल में राम रावण युद्ध की लीला का मंचन हुआ। जब रावण नहीं मर रहा था तो विभीषण के बताने पर कि रावण की शक्ति उसकी गुदा में भरे अमृत में है तब मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने बाण मार कर रावण का बध किया रावण के धराशाई होते ही दर्शकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। इसके बाद रावण का पुतला दहन किया गया। सत्य की असत्य में जीत की खुशी में जबरदस्त आतिशबाजी का नजारा देखने को मिला। जो मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा।
इस अवसर पर कमेटी प्रबन्धक आनंद स्वरूप द्विवेदी, अध्यक्ष अनिल कुमार लखेरा, चेयरमैन प्रतिनिधि रमेश चंद्र साहू,महामंत्री अरविंद कुमार गुप्ता, मुख्य सचेतक हरवंश श्रीवास्तव, राजन सुशील गुप्ता, नमन गुप्ता, हुकुमचंद्र गुप्ता, अभिलाष गुप्ता सभासद, हृदयेश श्रीवास्तव, निखिल गुप्ता, रमाकांत यादव, देवा सिंह, श्यामू गुप्ता, लल्ली गुप्ता आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।
रावण दहन के बाद कस्बे में दशहरा का त्यौहार बड़ी धूमधाम और सोहार्द पूर्वक मनाया गया। नगर के लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर मिठाई व पान खिलाकर आपस में बधाई। यह सिलसिला मध्य रात्रि तक चलता रहा। विजयादशमी का पर्व आपसे प्रेम को दर्शाता है।