रामलीला में सीता हरण व बाली बध का किया गया सुंदर मंचन

राज्य

 

कौशल किशोर विश्वकर्मा की रिपोर्ट

तिंदवारी (बांदा)।
तिंदवारी कस्बे में दुर्गा महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित 11 दिवसीय श्री रामलीला के सातवें दिन खरदूषण बध, सीता हरण, बाली बध की लीला का मंचन हुआ। उत्कृष्ट कलाकारों द्वारा प्रस्तुत जीवंत अभिनय ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
रामलीला के सातवें दिन बुधवार रात्रि में तिंदवारी में चल रही रामलीला में सीता हरण की लीला का सजीव मंचन किया। कस्बे के रामलीला मैदान में हो रही रामलीला देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जमा रही। रामलीला की शुरुआत होती है पर्ण कुटी के नजदीक सोने का हिरण देख माता सीता के उसे पाने की जिद के साथ। सीता के कहने पर श्रीराम माया रूपी मृग का पीछा करते हैं। हिरण श्रीराम को जंगल की ओर दूर लेकर चला गया। जब हिरण को बाण लगा तो वह मारीच के रूप में आ गया और हाय लक्ष्मण , हाय लक्ष्मण पुकारने लगा। यह सुन मां सीता को लगा कि श्रीराम संकट में हैं। उन्होंने उनकी रक्षा के लिए लक्ष्मण को भेजा। लक्ष्मण कुटिया के बाहर रेखा खींचकर उस ओर गए जहां से आवाज आई थी। तभी रावण ने साधु के वेश में आकर लक्ष्मण रेखा लांघते ही माता सीता का हरण कर लिया। इसके बाद दिखाया गया कि भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ माता सीता की खोज में किष्किंधा पर्वत पर पहुंचे। वहां हनुमान जी ने उनकी मित्रता सुग्रीव से कराई। इसके बाद बालि सुग्रीव युद्ध तथा बलि बध की लीला का मंचन किया गया।
यहां कमेटी प्रबन्धक आनंद स्वरूप द्विवेदी, अध्यक्ष अनिल कुमार लखेरा, महामंत्री अरविंद कुमार गुप्ता, मुख्य सचेतक हरवंश श्रीवास्तव, धीरज गुप्ता, अवनीश श्रीवास्तव, रितेश गुप्ता, राहुल गुप्ता, निखिल गुप्ता, देवा सिंह, राजू सोनी, शोभित द्विवेदी, मनीष बजाज, सीताराम गुप्ता, सुरेश प्रजापति आदि मौजूद रहे।

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