आत्माराम त्रिपाठी
बांदा, आज माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा डा० बब्बू सारंग के निर्देशानुसार जनपद कारागार, जेल बन्दियों को प्रदत्त विधिक सेवाओं के सम्बंध में विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन तथा जेल निरीक्षण किया गया।
शिविर की अध्यक्षता श्रीमान श्रीपाल सिंह, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बांदा द्वारा की गयी।
सर्वप्रथम श्रीपाल सिंह, अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा
प्राधिकरण-बांदा द्वारा शिविर में बन्दियों को बताया गया कि माननीय उच्चतम् न्यायालय,
यह प्रावधान दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 सी०आर०पी०सी० की धारा-436ए की
जगह लेता हैं जिसमें कुछ शर्तों के आधीन विचाराधीन कैदियों को जमानत पर रिहा करने
की अनुमति देता है। बी.एन.एस.एस. की धारा 479 के प्रावधान में पहली बार अपराध करने
वालों (जिन्हे पहले कभी किसी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया हो) के लिए नयी
छूट प्रदान की गयी हैं। यदि जेलबन्दी किसी अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम अवधि
की एक तिहाई अवधि तक हिरासत में रहा है तो उसे जमानत पर रिहा कर दिया जायेगा।
धारा-436ए सीआरपीसी० में यह प्रावधान निर्धारित अधिकतम अवधि का आधा था। श्री
मूलचन्द्र कुशवाहा-चीफ तथा श्री विकान्त सिंह-डिप्टी चीफ, लीगल एड डिफेन्स
काउन्सिल द्वारा भी बन्दियों को विधिक सेवाओं के सम्बंध में जानकारी प्रदान की गयी।
तदोपरान्त सचिव महोदय द्वारा पाकशाला, अस्पताल एवं बैरकों का निरीक्षण भी किया
गया। शिविर में लगभग 15 जेल बन्दियों को विधिक सहायता प्रदान की गयी। बन्दियों से
उनके खान-पान व स्वास्थ्य के सम्बंध में भी जानाकरी ली गयी जहां बन्दियों द्वारा
सन्तोषजनक उत्तर दिये गये।
इस शिविर में राजेश कुमार मौर्या जेलर, आलोक त्रिवेदी उपजेलर तथा राशिद अहमद अन्सारी डी.ई.ओ. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा उपस्थित रहे।
