100 मीटर दौड़ के शहंशाह

संजय दुबे अगर आपसे पूछा जाए कि आप 100 मीटर की दूरी कितने कदमो औऱ कितने सेकंड में पार कर सकते हो ?आपको 100 मीटर की दूरी तय करके बताना होगा। आप जितने अधिकतम गति से चल सकते है उस हिसाब से लगभग 66 कदम चलने पड़ेंगे औऱ करीब 45 से 50 सेकंड का समय […]

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मनु भाकर, हरमनप्रीत होंगे खेल रत्न!

  संजय दुबे अगस्त का महीना खिलाड़ियों के लिए विशेष महीना होता है।इस महीने भारत ही नहीं विश्व में सर्वश्रेष्ठ हॉकी के खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद का जन्मदिन पड़ता है। मेजर ध्यानचंद का जन्म 29अगस्त 1905को झांसी में हुआ था।।भारत में सरकार चलाने वाली किसी भी पार्टी ने ध्यानचंद को भारत रत्न के लायक नही समझा। […]

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पदकों की दौड़ में अमेरिका का प्रभुत्व

संजय दुबे ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाले हर देश के खिलाड़ी k पहला उद्देश्य देश और खुद के लिए पदक जीतना होता है। हर देश और खिलाड़ी पदक जीत नही सकते है।ओलंपिक खेल का आदर्श है -जीतो तो गर्व नहीं हारो तो शर्म नहीं। जीत हार से ऊपर प्रतिद्वंदिता है और खेल भावना है। […]

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ओलंपिक का सफर एक सिल्वर चार ब्रॉन्ज में खत्म!

  संजय दुबे  142करोड़ आबादी वाला देश भारत, जनसंख्या के मामले में गोल्ड मेडलिस्ट है।जनसंख्या नीति न होने के कारण देश बेलगाम रूप से ऐसा रिकार्ड बना रहा है जिसे सालो तक होने वाले जनसंख्या ओलंपिक खेलों में कोई देश नहीं तोड़ पाएगा। हम चाहते है कि गोल्ड मेडल मिले लेकिन जनसंख्या के खेल में […]

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विनेश फोगाट का कुश्ती से संन्यास

  संजय दुबे आज सुबह एक पीड़ादायक और लगभग उत्साहविहीन समाचार आया कि विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास ले लिया। हर व्यक्ति को ये अधिकार होता है कि वे अपने बेहतरीन जीवन के लिए बेहतर निर्णय करे। विनेश फोगाट ने भी अपने स्तर पर सोच समझ कर निर्णय लिया होगा। सार्वजनिक जीवन जीने वालो […]

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नीरज चोपड़ा भाला वहीं फेकना जहां गोल्ड मेडल रखा है

संजय दुबे  इतिहास को उठाकर देखे तो भारतीय संस्कृति में भाला फेकने वाले दो ही दिग्गज का नाम ध्यान में आता है।पहले है पांडु पुत्र युधिष्ठिर और दूसरे महाराणा प्रताप। इनके बाद सारी दुनियां तीसरे व्यक्ति के। रूप में किसी को जानती है तो वो है नीरज चोपड़ा। भारत में चोपड़ा उपनाम का स्मरण करते […]

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एक खुला खत भारतीय राज्यो के मुख्य मंत्रियों के नाम

          संजय दुबे मै, छत्तीसगढ़ राज्य का निवासी हूं इस कारण सबसे अधिक उम्मीद अपने राज्य के यशस्वी मुख्य मंत्री विष्णु देव साय जी से करता हूं।मैं यही उम्मीद उन राज्यों के मुख्य मंत्रियों से करता हूं जिनका राज्य खेल के मामले में वैसा राज्य नही है जिन राज्यों से ओलंपिक […]

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सपने को सच करते स्वप्निल

संजय दुबे संजयs दुबे  सतारा और कोल्हापुर महाराष्ट्र के दो शहर है जिनकी आपस में दूरी 122 किलोमीटर है। ये दूरी दो खिलाड़ियों के बीच की भी है जिन्होंने 1952 और 2024ओलंपिक खेलों में देश का नाम रोशन किया है। पहले है के डी जाधव जिन्होंने 1952के हेलेंस्की ओलंपिक खेलों मे आजाद भारत की तरफ […]

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डॉ. करणी सिंह: भारतीय निशानेबाजी के पितामह

  संजय दुबे  निशानेबाज़ भारत मे एक लोकप्रिय खेल नहीं था। बीकानेर के डा करणी सिंह ने निशानेबाज़ी को एक खेल के रूप में प्रारंभिक आकार में शुरू करने में मदद की। बीकानेर के महाराजा, करणी सिंह, ने अपने जीवनकाल में बहुत कुछ हासिल किया। एक अच्छे निशानेबाज, साथ ही साथ एक सच्चे खेल प्रेमी, […]

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बेटे भाग्य से और बेटियां सौभाग्य से मिलती है

  संजय दुबे  हर माता§ पिता चाहते है कि उनकी संतान प्रतिभाशाली हो। संतान के अच्छे कर्मों से माता पिता की पहचान हो। संतान के भविष्य को बनाने के लिए कितने समझौते करने पड़ते है ये केवल माता पिता समझते है। आजकल की दुनियां में छोटे परिवार का चलन है। खासकर शिक्षित परिवार में, कम […]

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