नीरज चोपड़ा भाला वहीं फेकना जहां गोल्ड मेडल रखा है

संजय दुबे  इतिहास को उठाकर देखे तो भारतीय संस्कृति में भाला फेकने वाले दो ही दिग्गज का नाम ध्यान में आता है।पहले है पांडु पुत्र युधिष्ठिर और दूसरे महाराणा प्रताप। इनके बाद सारी दुनियां तीसरे व्यक्ति के। रूप में किसी को जानती है तो वो है नीरज चोपड़ा। भारत में चोपड़ा उपनाम का स्मरण करते […]

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एक खुला खत भारतीय राज्यो के मुख्य मंत्रियों के नाम

          संजय दुबे मै, छत्तीसगढ़ राज्य का निवासी हूं इस कारण सबसे अधिक उम्मीद अपने राज्य के यशस्वी मुख्य मंत्री विष्णु देव साय जी से करता हूं।मैं यही उम्मीद उन राज्यों के मुख्य मंत्रियों से करता हूं जिनका राज्य खेल के मामले में वैसा राज्य नही है जिन राज्यों से ओलंपिक […]

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सपने को सच करते स्वप्निल

संजय दुबे संजयs दुबे  सतारा और कोल्हापुर महाराष्ट्र के दो शहर है जिनकी आपस में दूरी 122 किलोमीटर है। ये दूरी दो खिलाड़ियों के बीच की भी है जिन्होंने 1952 और 2024ओलंपिक खेलों में देश का नाम रोशन किया है। पहले है के डी जाधव जिन्होंने 1952के हेलेंस्की ओलंपिक खेलों मे आजाद भारत की तरफ […]

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डॉ. करणी सिंह: भारतीय निशानेबाजी के पितामह

  संजय दुबे  निशानेबाज़ भारत मे एक लोकप्रिय खेल नहीं था। बीकानेर के डा करणी सिंह ने निशानेबाज़ी को एक खेल के रूप में प्रारंभिक आकार में शुरू करने में मदद की। बीकानेर के महाराजा, करणी सिंह, ने अपने जीवनकाल में बहुत कुछ हासिल किया। एक अच्छे निशानेबाज, साथ ही साथ एक सच्चे खेल प्रेमी, […]

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बेटे भाग्य से और बेटियां सौभाग्य से मिलती है

  संजय दुबे  हर माता§ पिता चाहते है कि उनकी संतान प्रतिभाशाली हो। संतान के अच्छे कर्मों से माता पिता की पहचान हो। संतान के भविष्य को बनाने के लिए कितने समझौते करने पड़ते है ये केवल माता पिता समझते है। आजकल की दुनियां में छोटे परिवार का चलन है। खासकर शिक्षित परिवार में, कम […]

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मनु भाखर पार्ट 2

  संजय दुबे पेरिस ओलंपिक खेल देर सबेर खत्म हो जाएगा ।याद क्या रहेगा? याद रहेगा 10मीटर पिस्टल महिला स्पर्धा और एक लड़की जो पिछले ओलंपिक खेल में पिस्टल खराब होने के कारण फाइनल में नहीं पहुंची थी लेकिन इस बार फाइनल में भी पहुंची और दुनियां को दिखा दिया कि भले ही पदक का […]

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सुनील “लिटिल मास्टर गावस्कर

  संजय दुबे 1932 से लेकर 1970 तक भारतीय क्रिकेट टीम को औसत दर्जे की टीम माना जाता था।विदेशों में जीत मृग मरीचिका थी। न्यूज़ीलैंड से एकात सीरीज भले ही जीत लिए थे लेकिन इंग्लैंड जिसे क्रिकेट की काशी कहा जाता है वहां जीत नहीं मिली थी। ब्लेक स्ट्रॉम कहे जाने वेस्ट इंडीज , ऑस्ट्रेलिया […]

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सुनील “लिटिल मास्टर” गावस्कर

    संजय दुबे  1932 से लेकर 1970 तक भारतीय क्रिकेट टीम को औसत दर्जे की टीम माना जाता था।विदेशों में जीत मृग मरीचिका थी। न्यूज़ीलैंड से एकात सीरीज भले ही जीत लिए थे लेकिन इंग्लैंड जिसे क्रिकेट की काशी कहा जाता है वहां जीत नहीं मिली थी। ब्लेक स्ट्रॉम कहे जाने वेस्ट इंडीज , […]

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दक्षिण अफ्रीका के हार के मायने

  संजय दुबे किंग्सटन में खेले गए टी 20के फाइनल मैच में दक्षिण अफ्रीका ,भारत से सात रन के अंतर से हार गया। पूरे टूर्नामेंट में दक्षिण अफ्रीका, भारत के समान ही अपराजित रहा था और फाइनल के सोलह ओवर तक भी उनकी उम्मीद बरकरार थी। क्रिकेट, अनिश्चितता का खेल है,ये कल फिर सिद्ध हुआ […]

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शानदार जीत, शानदार बिदाई

संजय दुबे  वेस्ट इंडीज में एक परंपरा है।मैदान में बैठकर केलिप्सो की धुन बनाना और इस पर नाचना और गाना। कल जब भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच मैच चल रहा था तो केलिप्सो सारी धुने लडखड़ाने लगी थी। जब दक्षिण अफ्रीका के केशव महराज ने रोहित शर्मा और ऋषभ पंत को एक ही ओवर […]

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