भारत के वीर सपूत चिंतामणि पाण्डेय आज ससम्मान पंचतत्व में हुये विलीन-

राज्य

 

     सोनू करवरिया की रिपोर्ट–

नरैनी :- आपको बतादें की आज मां भारती के वीर लाल अमर सपूत श्री चिंतामणि पांडेय सी आर पी एफ जवान पंचतत्व में विलीन हो गए आज़ उनके शोक में ना तो वाणी से शब्द निकल रहे और ना ही क़लम रुक रही आज बड़े ही सम्मान के साथ सलामी देते हुये उनकी अंतिम विदाई के साथ उनके पैतृक गांव महुटा (तेरा ब) ब्लॉक नरैनी में अंतिम बिदाई दी गई! पाण्डेय पुरवा एक बड़ा ही गौरवशाली गाँव जहाँ करीब कुल 300 वोटर हैं इस गांव के 6 बेटे फ़ौज में हैं लेकिन बड़े दुर्भाग्यकी बात है की अभीतक इस गांव को पक्की सडक नसीब नहीं हुई जिसकी वजह से आज शहीद जवान चिंतामणि पाण्डेय के पार्थिव शरीर को उनके यूनिट वाहन से उनके घर तक भी नहीं ले जाया गया क्योंकि महुटा से पाण्डेय पुरवा तक का लगभग डेढ़ किलोमीटर तक का मार्ग बेहद कच्चा है जिसमें रिमझिम बारिश की वजह से कीचड़, गड्ढे के कारण यूनिट वाहन को 1 किमी पहले ही खड़ी करनी पड़ी आपको बतादें की वर्ष 2017 में जब आर्मीअमर शहीद जवान श्री रामबहोरी मिश्र जी शहीद हुए थे तों सांसद भैरों प्रसाद जी और नरैनी विधानसभा के विधायक राजकरन कबीर ने कहा था की महुटा संडक मार्ग से पांडेयपुरवा मार्ग प्राथमिकता के साथ पक्का मार्ग बनवाएंगे तथा शहीद स्मारक और उन्हीं शहीद के नाम से गेट का निर्माण करवाया जाएगा किन्तु आज़ तक ना ही सड़क बनी और ना ही स्मारक गेट,5 साल भैरों प्रसाद जी का सांसद कार्य काल बीत गया 5 साल आर के पटेल जी का भी कार्यकाल बीत गया कई बार ग्रामीणों द्वारा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन भी दिया जाता रहा जहाँ से सिर्फ आश्वासन ही मिला। थोड़ी बारिश होने पर पैदल तक निकलना दूभर हो जाता है बच्चे स्कूल नहीं जा पाते बारिश के मौसम में तो कई बच्चों की शिक्षा तक बाधित हो जाती है।इस गाँव के बुजुर्ग अपने पुरवा में ही कैद हो जाते हैं। बीमार व्यक्ति को लें जाने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।
सवर्ण आर्मी जिलाध्यक्ष उमेश तिवारी ने बताया की बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि आज के इस मॉडर्न युग में ऐसे गांव है जहां सडक तक नहीं है यह क्षेत्रीय प्रतिनिधियों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है की जिस गांव के लाल ने देश की रक्षा के लिए प्राण त्याग दिये उस गांव में अभी भी कच्ची गड्डे युक्त सड़क है क्या माननीयों की इस सड़क पर दृष्टि नहीं गयी होगी तभी तो उन्होंने कहा की गांव में पक्की सडक बननी चाहिए उसके लिए उनसे जो भी प्रयास होगा किया जाएगा किन्तु वादा करने के बाद भूल जाना जनप्रतिनिधियों का शायद पुराना रिवाज है!आज इस हृदयविदारक घटना में परिजनों को ढाढस बनाने एवं वीर सपूत की अंतिम विदाई में सम्मिलित होने मयंक द्विवेदी जिला पंचायत सदस्य पहुंचे जिन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया की गांव को जल्द पक्की सडक दिलाने में भरसक प्रयास किया जायेगा तथा जल्द ही इस गाँव के आवागमन हेतु पक्की सड़क मिलेगी।

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