*बेमेतरा । कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा की अध्यक्षता में आज जिला पंचायत सभागार में मुख्य शिक्षा सचिव के निर्देशानुसार जिले के सभी निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार पर अशासकीय स्कूलों के प्रबंधन एवं प्रिंसिपल के साथ बैठक लेकर समीक्षा की । बैठक में कलेक्टर श्री शर्मा ने जिले के समस्त अशासकीय स्कूलों में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अन्तर्गत निर्धारित पात्रता अनुसार बच्चों के प्रवेश और ड्रॉप आउट बच्चों की जानकारी संकलित करने पर विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अन्तर्गत प्रवेश दिए गए बच्चों को सामान्य बच्चों की तरह शिक्षा प्रदान करने पर जोर देते हुए इन बच्चों पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करने के लिए कहा |
कलेक्टर श्री शर्मा ने स्कूल प्रबंधक से कहा की जिले के गैर अनुदान प्राप्त विद्यालयों के प्रबंधक, प्राचार्यों की बैठक 3 दिन के भीतर बुलाकर यह समीक्षा करे | विद्यालय में कितने विद्यार्थियों ने आरटीई के तहत प्रवेश लिया था। साथ ही उनमें से कितने बच्चे पढ़ाई छोड़कर ड्राप आउट हो गए हैं। यह सभी जानकारी पत्र के साथ निर्धारित प्रारूप में भेजने के निर्देश दिए हैं । जिलाधीश ने जिले के टॉप टेन स्कूल जिनकी परफॉर्मेंस खराब है और जहाँ से ज्यादा बच्चे ड्रॉपआउट हुए है उन स्कूलों में तीन दिवस के भीतर उनकी जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है | साथ ही उन्होंने कहा की जो बच्चे ड्रॉप आउट हुए है वो अभी क्या कर रहे है कौन से स्कूल में है सारी जानकारी नोडल और प्रिंसिपल या डायरेक्टर समय सीमा में प्रस्तुत करने को कहा है | ऐसे स्कूल जो शिक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं उन पर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं | कलेक्टरों से यह भी कहा गया है कि बीते पांच सालों में ड्राप आउट हुए बच्चों की जानकारी प्राप्त कर समीक्षा करें। साथ ही ड्राप आउट रोकने की दिशा में समुचित पहल करने का कष्ट करें। इससे जिले में आरटीई की मंशा के अनुरूप सभी बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण कर सकें। इस अवसर पर एडीएम डा. अनिल वाजपेयी, जिला पंचायत सीईओ टेकचंद अग्रवाल, संयुक्त कलेक्टर अंकिता गर्ग, डीईओ कपूर सहित निजी स्कूल के प्रिंसिपल एवं स्कूल प्रबंधक उपस्थित थे |
बता दें की आरटीई में ड्राप आउट के सही कारणों का पता लगाने के लिए सरकार ने अब सर्वे करने का फैसला किया है। स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों के अनुसार यह सर्वे सरकारी स्कूल के शिक्षकों के माध्यम से कराया जाएगा। प्रत्येक शिक्षक को आरटीई में ड्राप आउट हुए बच्चों के पालकों का मोबाइल नंबर दिया जाएगा। शिक्षक पालकों से बात करके पता लगाएंगे कि बच्चा स्कूल क्यों नहीं जा रहा है। इसके पीछे की वजह क्या है। क्या वे पारिवारिक कारणों से स्कूल नहीं जा रहे हैं या स्कूल प्रबंधन इसके लिए जिम्मेदार है।