मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने महंगाई भत्ता के आदेश को नकारा

राज्य

दीनदयाल साहू की रिपोर्ट

प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा लोकसभा चुनाव आचार संहिता के ठीक पहले कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के लिए बहुप्रतीक्षित महंगाई भत्ता/महंगाई राहत में 4% वृद्धि किए जाने की घोषणा की।
ऐलान के कुछ देर बाद वित्त विभाग से जारी आदेश ने सबको हैरान किया। आदेश में 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता 1 मार्च देय होना जारी किया गया जबकि प्रदेश के कर्मचारी जुलाई 2023 से इसकी प्रतीक्षा कर रहे थे। इस आदेश का छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने पुरजोर विरोध करते हुए स्वीकार नहीं करने की बात कही है। संघ के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह राजपूत ने कहा है कि यह आदेश प्रदेश के पांच लाख कर्मठ कर्मचारियों के साथ छलावा है क्योंकि पिछली सरकार ने पिछले पांच साल महंगाई भत्ते के लिए तरसाया और सारा एरियर डकार गई। अब यह सरकार भी उसी रास्ते पर चलती दिख रही है क्योंकि बड़े बड़े होर्डिंग और करोड़ों के पोस्टर पर मोदीजी की विश्वसनीय गारंटी की बात कहने वाली वर्तमान सरकार ने अपनी पार्टी के घोषणापत्र में केंद्र के समान महंगाई भत्ता/राहत देने का वादा किया था लेकिन केन्द्र के बराबर 50% भत्ता तो दूर जो 4% दिया भी है तो वो भी 1 मार्च से मतलब पिछले 8 महीने का एरियर यह सरकार भी दबा गई।
साथ ही पेंशनर्स के महंगाई राहत का कोई जिक्र आदेश में नहीं है और ना ही सातवें वेतनमान के एरियर्स की अंतिम किश्त का आदेश हुआ है। जबकि बड़े भाई मध्यप्रदेश शासन ने अपने कर्मचारियों को जुलाई 2023 से ही महंगाई भत्ता स्वीकृत किया है। इसी प्रकार उत्तरप्रदेश जैसे और कई बड़े राज्यों ने जिनका स्थापना व्यय बहुत अधिक है, उन्होंने भी केंद्र के बराबर और देय तिथि से अपने कर्मचारियों को उनका हक दिया है तो छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अपने कर्मचारियों के अधिकार पर डाका डालना शोभनीय नहीं है। राज्य की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है तो सरकार को विधानसभा में श्वेत पत्र जारी करना चाहिए था नहीं तो हमें हमारा अधिकार देना था। राज्य सरकार के जारी महंगाई भत्ता के आदेश को मंत्रालयीन कर्मचारी संघ स्वीकार नहीं करता है।
संघ आगामी समय में सभी कर्मचारी संगठनों को एकजुट होकर सरकार से अपना हक लेने हेतु लड़ाई के लिए तैयार होने का आह्वान करता है

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2 thoughts on “मंत्रालयीन कर्मचारी संघ ने महंगाई भत्ता के आदेश को नकारा

  1. Mai sangathan ke sath hun sarkar hamare sath gaddari nahi kar sakti hame apne adhikar ki raksha ke liye ladai ladni hogi hamari ekta hi hamari shakti hai hum sab ko ek hokar sarkar se apna adhikar lena hoga

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