छुईखदान राजमहल मे “चांवल वाले बाबा” का भागवतकथा 8 दिसंबर से*

धर्म

!! शिव शर्मा की रिपोर्ट !!

छुईखदान-एक लंबे अंतराल के बाद छुईखदान रियासत के राजप्रसाद और श्री कृष्ण चंद्र जी की लीला प्रांगण मे किसी दिव्य,त्रिकाल दर्शी, तपस्वी,ज्ञानी, के मुखारविंद से कलियुग व भवपार कारक श्रीहरि के गुणानुवाद का सारंसार,मोक्षदायिनी,सर्वपापनाशीनि,श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।

राजपरिवार विनितित व कुमार देवराज किशोर दास के मुख्य यजमानत्व मे आयोजित तथा प्रदेश की राजधानी रायपुर के समीप ग्राम सिलयारी निवासी महान तपस्वी,त्रिकाल दर्शी केवल चावल देखकर भूत-भविष्य बताने वाले आचार्य नरेन्द्र नयन शास्त्री जी इस दिव्य प्रसंग मे प्रथम दिवस से लेकर अंतिम दिनो तक प्रतिदिन मानव जीवन, समाज,व सनातनी परिवार के इर्द-गिर्द प्रवाहमान ताने बाने,संस्कारो,संस्कृतियो,अपने धर्म, कर्म पर आधारित जिम्मेदारियो पर श्रीमद्भागवत के संदेश व अपने दर्शन से सभी श्रोताओ, भक्तो का मार्गदर्शन करेंगे।

उक्त आयोजन के प्रथम दिन अर्थात गोकर्ण पर मुख्य वक्ता आचार्य नरेन्द्र नयन शास्त्री जी (चांवल वाले बाबा)सहित आपके साथ श्री गोविंद प्रभु, भागवत भगवान,दृष्य अदृष्य देवगणों, सनातनी देवी देवताओ पर आधारित दिल्ली से आई हुई झांकियों व सैकड़ो कलश लिए मातृ शक्तियो,

ढोल नगाडो,के गगन गुंजरित जयघोषों के साथ नगर भ्रमणीय शोभायात्रा निकलेगी,जो मुख्यमार्ग होते नगर की आराध्या मां काली के निजधाम से आशीष प्राप्त कर पुनः राजमहल मैरिज गार्डन पहुचकर देवस्थापना पश्चात कथा प्रारंभ होगा,तत्पश्चात प्रतिदिन दोपहर एक बजे से हरि इच्छा तक श्री हरि के विभिन्न अवतारो,लीलाओ, प्राकट्य का कारण,लीलाओ का समापन,उद्देश्य व मानव समाज को संदेश पर अपने दर्शन पर प्रवचन देंगे,इस बीच विभिन्न प्रसंग पर आधारित झांकियां आयोजन को और भी जीवंत बनाते रहेंगे।

इस बीच यह भी बताया गया है कि आयोजन को लेकर नगर व क्षेत्र के महल से जुड़े हरि भक्त परिवारों, के अलावा गुरू परिवार जनो,तक अधिक से अधिक लोगो तक आमंत्रण प्रेषित कर आयोजन मे अधिक से अधिक संख्या मे पधारकर जीवन धन्य करने की अपील की गई है,जिसे लेकर लोगो मे खासा उत्साह व चांवल वाले बाबा के दर्शन मिलन को लेकर भी खासा उत्साह देखा जा रहा है।

इधर आयोजन के अंतिम दिन गीता महात्म्य सार,श्रीहरि पर तुलसी वर्षा हवन,यज्ञ,सहित अन्य एतिहासिक आयोजन संपन्न होना है,उक्त विषय मे प्रमुख यजमान देवराज किशोर दास से पूछे जाने पर बताया कि इस आयोजन के माध्यम से जहां एक ओर मेरे परिवार के दिवंगत आत्माओ को तो सद्गति मिलेगी साथ ही नगर व क्षेत्र मे प्रभु की प्रत्यक्ष कृपा बने रहने के साथ ही कथा मे आने वाले हर भक्त के पूर्वजो को भी सद्गति प्रदान करना है जो कि सर्व गुण संपन्न, त्यागी तपस्वी,त्रिकाल दर्शी, साधक व मेरे गुरूवर आचार्य नरेन्द्र नयन शास्त्री के माध्यम से संभव हो सकता हैl

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