केंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत भरी खबर

राज्य

 

सनत बुधौलिया की रिपोर्ट

भारत में कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए बड़ी राहत भरी खबर है। कैंसर पर भारतीय दवा असरदार साबित हुई है। इसे CAR-T सेल थैरेपी से जाना जाएगा और इससे पहला मरीज कैंसर से मुक्त हो चुका है। इस थैरेपी को IIT बॉम्बे और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल ने विकसित किया है। 15 मरीजों को ये थैरेपी दी गई, जिसमें से 3 मरीज कैंसर पर पूरी तरह काबू पा चुके हैं।

भारत के दवा नियामक यानी ड्रग रेगुलेटर ने सीएआर-टी सेल थैरेपी (CAR-T Cell Therapy) के कमर्शियल इस्तेमाल को मंजूरी दी है। कुछ महीनों बाद ही ये थैरेपी कैंसर के मरीजों पर कारगर साबित हुई। दिल्ली के रहने बाले गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट उम्र 64 साल के डॉक्टर कर्नल वीके गुप्ता ने 42 लाख रुपए खर्च करके इस थैरेपी के जरिए कैंसर से छुटकारा पा लिया है। वे इस थैरेपी से स्वस्थ होने वाले पहले मरीज हैं। विदेश में कैंसर के इलाज में 3 से 4 करोड़ रुपए का खर्च आता है।

 नई थेरेपी पर डॉक्टरों का कथन
टाटा मेमोरियल अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि डॉक्टर गुप्ता कैंसर से पूरी तरह मुक्त हो गए हैं। डॉ. हसमुख जैन का कहना है कि ये कहना जल्दबाजी होगी कि इलाज पूरे जीवन कारगर साबित होगा , लेकिन फिलहाल वे इससे मुक्त हैं। प्रारंभिक निष्कर्ष में बेहतर परिणाम मिले हैं। थैरेपी की सफलता की दर तय करने के लिए लगभग 2 वर्ष का समय लग सकता है । डॉक्टर का माना है कि इस थैरेपी से कैंसर के इलाज में क्रांति आ जाएगी और कई लोगों की जान बचने की उम्मीद है।

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