सनत कुमार बुधौलिया /हरिश्चंद्र तिवारी लौना
उरई। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए “कैच द रैन” अभियान के तहत अब जनपद में यह एक जनभागीदारी का रूप ले चुका है। जिलाधिकारी ने बताया कि जल संचयन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 3 हजार निष्प्रयोज्य हेडपंपों को रेन वाटर रिचार्ज वेल में बदलने का कार्य चल रहा है, जिसमें 2 हजार हेडपंप ग्रामीण क्षेत्रों और 1 हजार नगरी क्षेत्रों में स्थित है। जिलाधिकारी ने सभी होटल, बारात घर, प्राइवेट स्कूल और तीन सौ वर्ग मीटर से अधिक निर्माण वाले निजी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को शासन द्वारा अनिवार्य किया गया है । उन्होंने बताया कि सभी गौशालाओं में वर्षा के पानी को संग्रहित करने के लिए रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कराए जा रहे हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि जल संचयन में जान भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से समस्त स्कूल और निजी भवनों के मालिक वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अवश्य लगवाएं। उन्होंने कहा कि इस काम को जियो टैग कर तस्वीरें संबंधित अधिकारियों को भेजी जाएं, और 26 जनवरी को जिसकी फोटो सबसे बेहतरीन होगी, ऐसे बीस प्रतिभागियों को जल संचयन हेतु सम्मानित किया जाएगा।