आदिवासियों के बीच मनाया नया वर्ष

राज्य

     शिव शर्मा छत्तीसगढ़ ब्यूरो चीफ 

राजनादगांव   ।       बर्फानी धाम माँ पाताल भैरवी मन्दिर सेवाश्रम समिति के अध्यक्ष राजेश मारू और (पत्रकार)कमलेश सिमनकर नए वर्ष के पहले दिन पहुंचे नक्सल प्रभावित अतिसंवेदनशील क्षेत्र लमरा ।
वहां के बच्चों को गर्म कपड़े, ऊनि टोपी, चॉकलेट, बिस्किट बांटे, साथ ही बुजुर्ग महिलाओं एवं पुरुषो को कम्बल और साड़ियां दिए।
विगत 10 वर्षों से सेवाभावी संस्था माँ पाताल भैरवी मन्दिर सेवाश्रम समिति इन नक्सल पर प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर वहां के लोगों को समय-समय पर जरूरत का सामान उपलब्ध करवाते आ रहे है, इस वर्ष भी ठंड के समय मे करीब 12 वनांचल क्षेत्रों के गांवों में पहुंचकर वहां के लोगों को ठंड से बचने के लिए, बच्चों को गर्म कपडे, ऊनि टोपी।
महिलाओं को साड़ियां, बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों को कम्बल बांटते आ रहे है।आयोजन में बच्चों के गर्म कपड़े, ऊनि टोपी, कम्बल संस्कारधानी नगरी के सेवाभावी दिनेश पटेल,नीलम जैन,सन्तोष खण्डेलवाल और राजेंद्र परमार का सहयोग मिला।
जिले के लछना ग्राम पंचायत का आश्रित ग्राम लमरा पहुंचविहीन गांव है, लछना से लमरा तक 17 किलोमीटर में प्रधानमन्त्री सड़क निर्माण के बोर्ड तो लगे है, पर सड़कों का अता-पता नही है,सड़कों का निर्माण गुणवत्ताहीन होने के कारण पूरी सड़के उखड़ गए है।
लमरा खैरागढ़ जिले का एक ऐसा गांव है,जो प्रदेश की सीमा का अंतिम गांव है, इस गांव से महज एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमाएं है।
3 प्रदेशों को जोड़ने वाले इस गांव में 25 परिवार के 152 लोगों निवासरत है, आज भी यह गांव विकास को बाट जोह रहा है, गांव में बिजली नही है।

ये कैसा विकास है, जो ग्रामीणों को शासन-प्रशासन ठगने का कार्य कर रही है। इस गांव तक शासन की योजनाएं भी नहीं पहुंच पाती है।

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