संविधान दिवस पर संविधान को बचाने की जेडीयू नेत्री शालिनी ने राष्ट्रपति से की मांग

राज्य

आत्माराम त्रिपाठी *अभिवादन एक्सप्रेस *

बांदा । मंगलवार को संविधान दिवस के अवसर पर बबेरू में जेडीयू नेत्री शालिनी सिंह पटेल ने एक जनसभा को संबोधित किया। जहां उन्होंने जनता से कहा की संविधान दिवस हमें यह सिखाता है कि हम अपने देश के कानूनों का पालन करें और हमारे अधिकारों के साथ-साथ हमारे कर्तव्यों का भी सम्मान करें। हमें गर्व है कि हम एक लोकतांत्रिक देश के नागरिक हैं जहां संविधान हमें स्वतंत्रता और समानता प्रदान करता है। संविधान दिवस न केवल हमारे देश की महान लोकतांत्रिक परंपरा का स्मरण कराता है बल्कि यह हमें अपने कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति जागरूक भी करता है। शालिनी सिंह पटेल ने कहा की आइए इस दिन हम शपथ लें कि भारतीय संविधान के आदर्शों का सम्मान करेंगे और उसके अनुसार जीवन जीने का प्रयास करेंगे। जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष श्रमिक प्रकोष्ठ रविंद्र भारतीय ने कहा कि हमारा संविधान केवल कानूनों का एक संग्रह नहीं है। ये भारत की आत्मा का प्रतिबिंब है। ये हमें अधिकार देता है तो उसके साथ अपने कर्तव्य भी याद दिलाता है। इसने हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समेत दूसरी बड़ी आजादी दी है तो उसकी हदें भी बताई हैं। भारत के संविधान निर्माता कहे जाने वाले डॉ. भीमराव अंबेडकर ने इस बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज को तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी।वही संविधान को बचाने की जेडीयू नेत्री शालिनी सिंह पटेल ने तहसीलदार बबेरू के द्वारा राष्ट्रपति को 16 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने मांग की है की जो लोग संविधान को रौंदकर गलत फैसला करते है संविधान विरुद्ध कार्य करते है उन पर कठोर कार्रवाई होने चाहिए।
नेत्री शालिनी सिंह पटेल ने
लोकतंत्र की पारदर्शिता हेतु ईवीएम बंद करवाकर बैलेट पेपर से चुनाव करवाए जाने की मांग करते हुए वन नेशन वन एजुकेशन लागू किए जाने की मांग उठाई है। विभिन्न प्रांतो में बंद किये जा रहे प्राथमिक विद्यालयों को यथावत चालू रखे जाने निजीकरण वापस लिया जाने संविदा कर्मी आउटसोर्सिंग कर्मी रसोईया आदि को परमानेंट किए जाने की मांग के साथ
पेपर लीक भर्ती घोटाला बिना नौकरशाहों के संभव नहीं है जिम्मेदार नौकरशाहों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग भी उठाई है।उन्होंने
ओबीसी वर्गों के सर्वांगीण विकास हेतु संख्या अनुपात में बजट निर्धारित किए जाने
अनुच्छेद 340 ,41 व रोहिणी आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाने आदि की मांग भी उठाई है।

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