हरिश्चंद्र तिवारी लौना की रिपोर्ट
उरई। जनपद में चल रही गौशालाओं, पशुपालन और मत्स्य पालन योजनाओं की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव श्री रविंद्र नायक ने बैठक में बताया कि जनपद की सभी गौ आश्रय स्थलों पर उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने विशेष रूप से भूसा, हरा चारा, पानी, चोकर, सफाई, और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को प्राथमिकता देने की बात कही। यह योजना मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल है, और इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि ग्राम विकास अधिकारियों व केयर टेंकरों को गौशालाओं के देखभाल के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाए, ताकि गौवंश को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, उन्होंने नोडल अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र की गौशालाओं का नियमित भ्रमण करने का निर्देश दिया और कहा कि अगर कहीं अव्यवस्था पाई जाए तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि पशु चिकित्सा अधिकारी गौशालाओं में नियमित रूप से जाकर गोवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण करें और कृत्रिम गर्भाधान तथा बधियाकरण योजनाओं की सफलता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गौवंश का शत-प्रतिशत टीकाकरण किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी से बचाव हो सके। साथ ही, मुख्यमंत्री सहयोगिता योजना के तहत कुपोषित बच्चों के परिजनों को गाय सौंपने की प्रक्रिया में प्रगति लाने निर्देश दिए। इसके साथ ही, उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को निदेशालय को समय पर डिमांड भेजने के निर्देश दिए। वहीं, सर्दियों के मद्देनजर उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा पुराने बोरे से काऊ कोट बनाने की योजना को प्रोत्साहित किया, जिससे न केवल गोवंश को गर्माहट मिलेगी, बल्कि स्थानीय महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने वृहद गौशाला जुगराजपुर और नुनवई को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित किया जाए। उन्होंने मोबाइल वेटरनरी यूनिट 1962 की कार्यप्रणाली की भी समीक्षा की और निर्देशित किया कि यदि यूनिट में कोई चिकित्सक छुट्टी पर जाता है तो इसकी जानकारी सुनिश्चित की जाए और सेवा में कोई बाधा न आने पाए। इसके अलावा, मत्स्य विभाग की योजनाओं की भी समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग को अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित रहे, ताकि जनकल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ आमजन तक पहुंच सके। उन्होंने मनरेगा के तहत तालाबों के सुधार कार्यों को प्राथमिकता देने और अधिक से अधिक मत्स्य क्रेडिट कार्ड जारी करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने बैठक में दिए गए निर्देशों के सम्यक् अनुपालन के क्रम में सभी योजनाओं का कार्यान्वयन प्रभावी ढंग से किया जाएगा।
इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र कुमार श्रीवास, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र देव शर्मा, प्रभारी जिला विकास अधिकारी महेंद्र चौबे और अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।