आत्माराम त्रिपाठी
बांदा । वर्षा ऋतु की समाप्ति के बाद बदल रहे मौसम में स्वास्थ्य रहने के लिए कुछ सावधानियों की आवश्यकता होती है रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज बांदा के अस्टिटेंट प्रोफेसर डाक्टर शैलेन्द्र कुमार यादव ने हमारे बांदा संवाददाता से एक भेट वार्ता के दौरान यह बात बताई ।
डाक्टर शैलेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि सर्व प्रथम घरों में जंहा जलपात्र रखे जाते हैं य आप फ्रिज कूलर का उपयोग करते हैं उन्हें स्वच्छ रखे साथ घरों के अगल बगल अगर वर्षा रितु के जल का संग्रह है तो उसमें व्लीचिंग पाउडर का छिडकाव करें क्योंकि ऐसी जगहों में मच्छरों का संक्रमित कीटाणुओं का जमावड़ा रहता है जिसके चलते कई प्रकार के संक्रमित रोगों के चपेट में आने की संभावना बन जाती हैं।
डाक्टर शैलेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि मारीज अक्सर सरदर्द बदन दर्द में किसी डाक्टर की सलाह लिए बिना पहले किराना स्टोर आदि जगहों से दर्द निवारक टेबलेट का सेवन करते हैं जो गलत है मारीज को सर्वप्रथम नजदीकी अस्पताल जाकर वंहा कार्यरत डाक्टर को दिखाना चाहिए उसके सलाह पर मेडिसिन का उपयोग करना चाहिए नहीं गलत तरीके से मेडिसिन का उपयोग लीवर को प्रभावित कर देता है जो आगे चलकर कयी बिमारियों को निमंत्रण देता है जिससे मारीज को शरीरिक कष्ट तो मिलता ही है बल्कि इस भागदौड़ में वह आर्थिक रूप से कमजोर हो जाता है जिसका खामियाजा पूरा परिवार भोगता है। डेंगू का मच्छर दिन में काटता है इसलिए आप सभी लोग दिन में फुल स्लीव के कपड़े पहने या कार्य क्षेत्र में मच्छर रोधी आल आउट अथवा क्वाइल का प्रयोग आवश्य करें इस समय टाइफाइड, डेंगू वायरल फीवर ज्यादा फैल रहा है जिससे पीड़ित लगभग सभी मरीज समय पर उचित इलाज से सही भी हो रहे हैं इन बीमारियों से प्लेटलेट्स कम होती है लेकिन समय पर उचित इलाज लेने से सब ठीक हो जाता है अतः इससे घबराने की कतई जरूरत नहीं है। इनसे बचाव हेतु घर के आसपास गंदा पानी इकट्ठा नहीं होने दें घर मे कूलर का पानी गमलों में पानी इकठ्ठा न होने दें सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें अथवा मच्छरों को रोकने वाली क्रीम का उपयोग करें जिससे मच्छर जनित डेंगू या अन्य वायरल फीवर से बचा जा सके।
टाइफाइड फीवर दूषित खान पान से होता है इसलिए खुले में रखी खाद्य पदार्थ न ही खाएं और नहीं पिए साथ बाहर से आने के बाद कुछ भी खाने के पहले प्रत्येक बार साबुन से हाथ आवश्यक धोएं जिससे टाइफाइड वा अन्य गंदगी से फैलने वाली बिमारियों से बचाव किया जा सकता है इसी तरह टी बी रोग का नाम सुनते ही रोगी के मन में एक अनजाना भय व्याप्त हो जाता है इस पर हमारी सलाह है कि इसका इलाज है और इस बिमारी से ग्रसित लोगों को ठीक भी किया जा चुका है इसलिए इससे घबराने की जरूरत नही है सुयोग्य डाक्टर की सलाह एवं उसके देखरेख में इलाज करवाने की जरूरत है हमारे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में ही देख लेजिए यंहा जितने भी टी वी के रोगी आए सब पूर्ण स्वस्थ हो कर वापस घर गए हैं यूँ कहाँ जाए की टीवी जैसे गंभीर मर्ज पर डाक्टरों की जंग जारी है लेकिन इससे घबराने की जरूरत नही है।