रिपोर्ट-सुशील कुमार मिश्रा
नरैनी- जनपद बांदाकी गौशालाओं की दुर्दशाओं के बारे में अगर लिखने बैठो तो शायद शब्द ही कम पड़ जायें। इस जिले में गौवंशों का दुर्भाग्य ही है कि बांदा जिले का प्रशासनिक अमला जिसके कानों में अभीतक जूं तक नहीं रेंग रहा। विश्व हिन्दू महासंघ गौ रक्षा समिति के तहसील अध्यक्ष सोनू करवरिया ने बताया कि रगौली भटपुरा की गौशाला की स्थिति देखकर आंखें चौंधिया गई गौवंशों की दुर्दशा देखकर तो दिमाग चकरा गया ।रगोली भटपुरा की गौशाला में 5 से 6 गौवंश जोकि बिल्कुल मरणासन्न की स्थिति में पाए गए भूख से ब्याकुल गौवंशों का पेट एवं पीठ एक लगे होने के कारण उनका पूरा शरीर कंकाल जैसे उभर कर नजर आ रहा है आखिर इन बेजुबानों के साथ इतनी बेरहमी क्यों? इससे अच्छा तो इनको गौशालाओं से ही आजाद कर दिया जाए जिससे वह अपने पीठ पर डंडे खाकर भी कम से कम अपना पेट तो भर लेंगे! यहाँ की पानी की टंकी एकदम गंदी पड़ी थी। गौशाला में गंदगी का ऐसा अंबार देखने को मिला जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि महीनों से सफाई नहीं की गई। भंडार कक्ष में देखा तो वहां ना तो गौवंशों को खाने के लिए एक भी भूसा नहीं मिला तथा गौ वंश की छाया के लिए बनाए गए टीन सेट में से एक सेट में तो वहां के कर्मचारी का ही डेरा जमा हुआ है जिससे कड़ी धूप में गौवंश खड़े रहने को मजबूर हैं। इस पूरे प्रकरण की जानकारी तहसील अध्यक्ष सोनू करवरिया ने अपने फोन के माध्यम से खंड विकास अधिकारी नरैनी, उप जिलाधिकारी नरैनी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी बांदा, जिलाधिकारी बांदा तथा निदेशालय लखनऊ को अवगत कराया गया अब देखना यह है कि इस पर क्या कार्रवाई की जा रही है हलांकि यह घटना पहली नहीं है ऐसे कई बार बांदा के अधिकारियों को इस तरह के प्रकरण को अवगत कराया जा चुका लेकिन उनके द्वारा आजतक कोई भी संतोष जनक उपाय नहीं किया गया सिर्फ खानापूर्ति की गयी। बांदा जिले का प्रशासन तो हमारे गौवंश प्रेमी माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ की मनशा को पूरी तरीके से मटियामेट करने पर तुला है। उत्तर प्रदेश में ऐसे मुख्यमंत्री पहली बार हुए जो गौशालाओं के लिए ना जाने कितने करोड़ का बजट खर्च कर रहे हैं। लेकिन यहां के भ्रष्ट अधिकारी गौवंश के हक को छीनने में तनिक भी पीछे नहीं है।