रिश्वतखोर ए बी एस ए पर मुकदमा दर्ज

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सोनू करवरिया की विशेष रिपोर्ट

नरैनी
मुख्य चौराहे पर शिक्षक से रिश्वत लेने के मामले में विजिलेंस टीम द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी एबीएसए पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
वही एबीएसए का मेडिकल परीक्षण सीएचसी नरैनी मेंकराया गया है।इसके बाद ट्रैप टीम आरोपी को भ्रष्टाचार न्यायालय लखनऊ ले कर रवाना हो गईं है।
टीम प्रभारी अतुल कुमार द्वारा दर्ज कराए गए मामले में बताया गया है कि शिकायतकर्ता देशबंधु रूपौलिहा अतर्रा का निवासी है।वह बसरेही जूनियर हाई स्कूल में सहायक अध्यापक पद पर तैनात है। ग्राम प्रधान की शिकायत पर मेरा निलंबन एबीएसए द्वारा किया गया था। करीब दो महीने बाद सह वेतन मुझे बहाल कर दिया गया। मैंने मेडिकल में रहकर जो सरकारी कार्य किया है उसके एरियर वेतन की राशी डेढ़ लाख बनती है। मैंने उस रुपए को निकलाने की बात की। तो एबीएसए द्वारा मुझसे पच्चीस हजार रूपये की मांग की गई। मैंने यह शिकायत 10 मार्च 2022 को विजिलेंस ऑफिस झांसी में दर्ज कराई। विषम परिस्थितियों के कारण मैं असफल रहा। इसके बाद आठ अगस्त 2023 को पुन : पुलिस अधीक्षक सतर्कता अतिष्ठान झांसी मे इसकी शिकायत दर्ज कराई। लेकिन किसी कारण बस सुनवाई नहीं हो पाई। इसके बाद 20 जुलाई 2024 को पुलिस अधीक्षक सतर्कता अतिष्ठान में फोन द्वारा तीसरी बार शिकायत दर्ज कराई। ट्रैप टीम गठित होने के बाद मामले को गोपनीय रखा गया।
सात अगस्त 2024 को ट्रैप टीम द्वारा मुख्य चौराहे पर एबीएसए रविंद्र कुमार वर्मा को पच्चीस हजार रुपए नगद रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। रात्रि भर कोतवाली में रखने के बाद मेडिकल परीक्षण कराया गया इसके बाद लखनऊ भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट के लिए आरोपी को ले जाया गया।
इस कार्य को सफलता की ओर ले जाने वाले विजिलेंस के टीम प्रभारी अतुल कुमार, निरीक्षक कृष्णवीर सिंह, निरीक्षक सतीश चंद्र गंगवार, निरीक्षक भक्त फाल्गुन सखा बादल, योगेंद्र सिंह, रामकुमार, गजेंद्र सिंह, सुनीता मिल्टन, धर्मेंद्र कुमार, मुलायम सिंह, जगजीवन राम सहित आदि लोग शामिल रहे।
भ्रष्टाचार में लिफ्त एबीएसए की गिरफ्तारी के बाद क्षेत्र में 90% शिक्षकों में उत्साह का माहौल है। तमाम शिक्षकों का कहना है कि इनकी शिकायत लगभग डेढ़ वर्ष से बराबर चल रही है। पहले गंगासागर शिक्षक जैसे कई शिक्षकों द्वारा आरोप लगाए जा चुके हैं। लेकिन कोई ठोस सबूत न मिलने के कारण उन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। आखिर शिक्षकों में देशबंधु रूपौलिहा ने जो हिम्मत कर दिखाई वह सराहनीय है। कई बार कार्यवाही में हुई हार के बाद भी पीछे नहीं हटे। शिक्षकों ने बताया कि बीआरसी में भी कुछ बाबुओं द्वारा इनकी शिकायत वेतन फाइलों को गायब करने मे आरोप लगाए गए थे। बाद में मामला तूल पकड़ने पर वेतन फाइलों को किसी और के पास दिखाया गया था।

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