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रिपोर्ट–सन्तोष कुमार सोनी
करतल– आपको बतादें कीअभी हाल ही में मण्डलायुक्त चित्रकूट धाम मण्डल बांदा एवं जिलाधिकारी बांदा ने गौवंश की दयनीय स्थिति एवं किसानों की फसलें बचाने के बारे में चिंतन करते हुये उन्हें स्थायी अथवा अस्थायी गौशालाओं में संरक्षित करने का हुक्म दिया था किन्तु नकारापन की सारी सीमायें लांघते जिम्मेदारों के अभी तक कान में जूं तक नहीं रेंग रही आज भी सैकड़ों गौवंश भोजन की तलाश में खेतों से लेकर बस्तियों में झुण्ड के रुप में घूम रहे हैं इनमें कुछ तो बेसहारा हैं तथा कुछ ऐसे भी गौवंश हैं जिन्हें गौवंश स्वामियों ने पाल तो रखा है पर उसका दूध निकालने के बाद उन्हें भोजन के लिये खुला छोड़ देना उनकी आदत है जिसके चलते वही गौवंश अपने पेट की आग बुझाने के लिये किसी भी किसान का नुकसान करने से नहीं चूकता और इतना ही नहीं यही गौवंशआवागमन की मुख्य सड़कों पर झुण्ड के झुण्ड बनाकर बिचरण करते हुये इन्ही सड़कों पर ही बैठ जाते हैं और इन्ही वयस्क गौवंश के साथ घूम रहे इनके दुधमुहे बच्चे भी शारीरिक असमर्थता के बावजूद इनके साथ रहने के कारण इनके साथ साथ यह भी कहीं ना कहीं दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं और सबसे बड़ी विडम्बना यदि गौवंश स्वामी से इन्हें खुला ना छोड़ने हेतु शिकायत की जाये तो वह सीधे विवाद करने पर उतारू हो जाते हैं अत: जिलाधिकारी महोदय से लोगों ने अनुरोध किया है की जिम्मेदारों के साथ साथ ऐसे गौपालकों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही करने हेतु आदेश पारित करने की आवश्यकता है जो सिर्फ दूध तो निकालते हैं किन्तु भोजन नहीं देते तभी कुछ हो सकता है वरना गौवंशों का बेसहारा घूमना और किसी ना किसी वाहन से टकराकर इलाज के अभाव मेंअसमय काल के गाल में समाहित हो जाना तय है !