अपराधियों के हौसले बुलंद, दिनदहाड़े पत्रकार पर हुआ जानलेवा हमला.

राज्य

शिव शर्मा की रिपोर्ट

*बालोद*। मीडियाकर्मी विनोद नेताम पर जानलेवा हमला करने का मामला सामने आया है। घटना मंगलवार 30 जुलाई की है जहां गुरूर मुख्यालय में ग्राम परसुली निवासी आदिवासी पत्रकार विनोद नेताम पर प्राणघातक हमला किया गया। कुछ लोगों और साथियों ने घायल पत्रकार को अस्पताल में भर्ती करवाया। हमले से विनोद नेताम के सिर पर गहरी चोट आई है। जब इस बात की जानकारी पत्रकारों को हुई तो सभी गुरुर थाने में एफआईआर कराने पहुंचे। पत्रकार पर हुए हमले से पत्रकार जगत में काफी आक्रोश है।

बड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार को गुरूर मुख्यालय में ग्राम परसुली निवासी विनोद नेताम से मारपीट मामले में पूर्व विधायक भैयाराम सिन्हा सहित 5 लोगों के खिलाफ गुरूर थाने में धारा 191 (2), 296, 115 (2), 351(2) (3),140 (3) के तहत अपराध दर्ज किया गया है।

विनोद नेताम ने बताया कि पूर्व विधायक भैयाराम सिन्हा, सुमित राजपूत, साजन पटेल, ओंकार महल्ला, तुलेश सिन्हा और अन्य लोगों ने गाली गलौज करते हुए जानलेवा हमला कर जान से मारने की कोशिश की है। वे पत्रकार साथी अमित मंडावी के साथ गुरूर आकर मिष्ठान भंडार में नाश्ता कर रहे थे, तभी सुमित राजपूत और तुलेश सिन्हा जबरदस्ती अपने कार में बिठाकर पूर्व विधायक के कार्यालय में ले गए। बता दें कि पत्रकार विनोद नेताम को पर जानलेवा हमला करने की नियत से ये लोग इनके घर भी गए थे और उन्होंने पत्रकार विनोद नेताम की पत्नी और बच्चों के साथ भी बदतमीजी की।

गुरुर में पत्रकार के ऊपर अपराधियों द्वारा किये गए प्राण घातक हमला के विरोध जिले के पत्रकार एक जुट हो गए है। प्रदेश में पत्रकारों पर बढ़ रहे हमले सुशासन पर गंभीर सवालिया निशान हैं। पत्रकारों ने कहा कि जिस राज्य में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया के साथी सुरक्षित नहीं हैं, उस राज्य की जनता भला कैसे सुरक्षित रहेगी। अपराधियों को चिन्हित कर उन्हें फौरन गिरफ्तार करने, घायल पत्रकार का सरकारी खर्च पर समुचित इलाज कराने एवं पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की मांग की गई है।

 

बता दें कि टीआई टीएस पट्‌टावी का पत्रकारों से पुरानी दुश्मनी है वे ज्यादातर पत्रकारों के खिलाफ हमलावर अपराधियों को संरक्षण देने का बार बार प्रयास करते है। वही पत्रकार विनोद नेताम पर प्राणघातक हमला होने के कई घंटे बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही थी, वही घंटो बाद आखिरकार रिपोर्ट दर्ज की गई। ये थाना प्रभारी जहां भी रहे इन्होंने पत्रकारों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया है। ये जिस थाना क्षेत्र में नियुक्त होते है वहां अराजक तत्वों का बोल बाला बढ़ जाता है क्षेत्र में जुएं, सट्टे, अवैध शराब, चोरी डकैती, बलात्कार जैसे संगीन अपराधो का ग्राफ आसमान छूने लगता है। पुलिसिया रिकार्ड में आसमान छूते ग्राफ में कमी लाने ये प्रिय अपराधियों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करते और ऊपर अधिकारियों को बताते सब कुशल मंगल है। वे जब राजहरा थाना प्रभारी से तो वहां अपराधियों का हौंसला इतना बुलंद था कि पूछो मत। राजहरा के एक वरिष्ठ पत्रकार के घर का पूरा सामान चोरी होने की इन्होंने रिपोर्ट तक नही लिखी उल्टे पत्रकार को मां की अश्लील गाली देकर थाने से धक्के देकर निकलवा दिया था। वही राजहरा के प्रमुख अखबारों के पत्रकार इस मामले पर चुप्पी साधे रहे। ये जिस जिस थाने में पदस्थ रहते है वहां थाने की गाड़ियों में डीजल की खपत भी अत्यधिक बढ़ जाती है।

 

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