- विष्णु चंसोलिया की रिपोर्ट
उरई। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने वर्चुअल बैठक कर जनपद की समस्त गौशालाओं में सरंक्षित गौवंशों को पानी, हरा चारा, भूसा, छायाआदि के पुख्ता इंतजाम हेतु सम्बंधित अधिकारियोको निर्देश दिए।
सहभागिता योजना के तहत दये गए गौवंशों का सत्यापन कराया जाए, जिससे समय से कृषिकों का भुगतान किया जा सके। गौवंशों के हरा चारा व स्वास्थ्य के लिए नेपियार घास, सम्बद्ध भूमि के सापेक्ष शत प्रतिशत बुवाई सुनिश्चित करायें। गर्मी से बचाव हेतु गौशालाओं में गौवंशों के लिए पानी, छाया के पुख्ता इंतजाम किए जाए, आवश्यकता पड़ने टीन शेड, व टाट बोरे से छाया की व्यवस्था सुनिश्चित करें। स्वच्छ जल, भूसा, हरा चारा, पशु आहार पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने की समीक्षा कर दिए निर्देश। उन्होंने उप जिला अधिकारी, खंड विकास अधिकारी व अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए कि गोअश्रय स्थलों से गोवंश को नही छोड़ा जाये, जिस क्षेत्र में गौवंश विचरण करते पाए जाते हैं तो निश्चित ही सम्बंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। सभी गो आश्रय स्थलों में बर्मी कम्पोस्ट / कम्पोस्ट आदि कार्य योजना की समीक्षा एवं एन०आर०एल०एम० / मनरेगा के अन्तर्गत गठित स्वंय सहयता समूहो को जोड़े जाने के निर्देश दिए। सघन वृक्षारोपण अभियान के तहत समस्त गौशालाओं में छायादार वृक्षारोपण किया जाना सुनिश्चित करें, बरसात से पूर्व गोआश्रय स्थलों में कीचड़ एवं जल भराव की समस्या न होने पाए इसके लिये पहले से ही कार्ययोजना तैयार कर कार्यवाही करें। खण्ड विकास व तहसील स्तर पर टास्क फोर्स की बैठक नियमित करें, और इसकी आख्या रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय में उपलब्ध कराएं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि बीमार गौवंशों के उपचार हेतु पशु चिकित्सक मौके पर पहुंच कर उपचार सुनिश्चित करेंगे, साथ ही गौशालाओं में तैनात केयर टेकर द्वारा बीमार गौवंश की संबंधित अधिकारियों को सूचना न देने वालों को चिन्हित कर सेवा समाप्त की जाए। गौशालाओं में अव्यवस्थाएं मिलने पर केयरटेकर के साथ-सात संबंधित अधिकारी व नोडल अधिकारियों पर भी की जाएगी कार्यवाही।