शिव शर्मा सम्भागीय ब्यूरो चीफ
छुईखदान — छुईखदान ब्लॉक क्षेत्र के चारों तरफ मुरम माफियाओं द्वारा दिन-रात मुरम की अवैध खनन किया जा रहा है। जिला खनिज विभाग तथा स्थानीय मुख्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों का भी इस तरफ ध्यान नहीं है। मुरम माफियाओं द्वारा खुलेआम मुरम का अवैध उत्खनन करते देखा जा सकता है। खास बात यह है कि शाम ढलते ही खनन का काम शुरू हो जाता है, और पूरी रात चलता है।ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत गांवो में मिट्टी मुरूम खनन माफियाओं के द्वारा दिन रात जेसीबी मशीन लगाकर मिट्टी का अवैध खनन किया जा रहा है। जिससे राजस्व विभाग को लाखों की क्षति हो रही है।
क्षेत्र के छिंदारी बांध, कानीमेरा, घोघरे, चोरलाढीह,कुकुरमुड़ा, खैरी, कुटेली, बिरुटोला, उदयपुर, सोनपुरी, डोकराभाटा, सहित आदि स्थानों पर खनिज व तहसील प्रशासन की अनदेखी व मिली भगत के चलते मिट्टी मुरूम खनन का कार्य बे रोक-टोक चल रहा है। क्षेत्र के कई लोगों ने इस बाबत तहसील व खनिज विभाग से शिकायत भी किया, लेकिन खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई न होने से उनके हौसले बुलंद है। अवैध रूप से खनन के बाद लदी मुरूम लेकर रोड पर चलने वाले ट्रैक्टर हाईवा चालकों की रफ्तार इतनी तेज होती है कि अक्सर हादसे भी होते है।इसके बाद भी इन अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है
क्षेत्र में मिट्टी के अवैध खनन का काला कारोबार जोरों पर है। छुईखदान ब्लाक क्षेत्र में इन दिनों खनन माफिया के हौसले बुलंद होते हुए नजर आ रहे हैं। बेखौफ होकर माफिया अवैध रूप से मिट्टी रेत व मुरूम के अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं। रात हो या दिन खनन माफिया जेसीबी, डंफर हाईवा और ट्रैक्टर-ट्राली लेकर खनन करने को निकल पड़ते हैं। अवैध मिट्टी खनन कारोबार से खनन माफिया जमकर चांदी काट रहे ह
ठेकेदार जेसीबी व पोकलेन के माध्यम से खनन कर परिवहन कर रहे हैं। परिवहन अनुमति के नाम पर अवैध खनन का खुला खेल खेला जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारीयों को मामले की जानकारी होने के बाद भी कागजों में झूठ का सहारा लेकर अवैध खनन को सही बताने का प्रयास कर रहे हैं।
क्षेत्र में ज्यादातर मुरुम की खुदाई अवैध रूप से हो रही है। इसमें ज्यादातर खनन रात के अंधेरे में किया जाता है। मुरम माफियाओं द्वारा शसकीय जमीन को निशाना बनाया जा रहा है। रात की खुदाई कर परिवहन करवा लेते हैं।
मुरम उत्खनन के लिए मुरम माफियाओं के द्वारा किसानों के साथ उनके खेत को समतल और गहरा बनाने के लिए एग्रीमेंट किया जाता है। बताया जाता है कि इस एग्रीमेंट में तीन फीट गहरा खोदने किसानों के साथ एग्रीमेंट रहता है। मुरम माफिया अपना काम तो निकाल लेते हैं। लेकिन किसान को खेत में खेती के लिए परेशान होना पड़ता है। बताया जाता है कि कुछ किसान मुरम खुदवाने पैसा भी लेते हैं
हाईवा में शासकीय कार्य पर प्रयुक्त वाहन भी लिखा हुआ पोस्टर दिख जाता है। सूत्रों से पता चला कि शासकीय कार्य के नाम पर मुरम की खुदाई तो जरूर हो रही है, लेकिन शासकीय कार्य पर न जाकर मुरम को सीधे तौर पर बेच भी रहे हैं।