सन्तोष कुमार सोनी के साथ सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट–
नरैनी– ग्राम पंचायत बांसी गांव में गौशाला संचालकों की मनमानी से भूख प्यास से तड़पते गौवंश संचालकों ने नहीं दिया 5 माह से कर्मचारियों का मानदेय–* गौशाला में भूख से गोवंशों की हो रही मौत! यहाँ पर कार्यरत कर्मचारियों को ग्राम प्रधान एवं सचिव की मनमानी से 5 माह से दिया मानदेय! महीनों से गौशाला की नहीं हुयी सफाई! विश्व हिंदू गौरक्षा महासंघ समिति के तहसीलअध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए सम्बंधित खण्ड विकास अधिकारी से मामले की शिकायत !
पूरा मामला बांदा जनपद के महुआ ब्लॉक की ग्राम पंचायत बासी में ग्राम पंचायत द्वारा संचालित अस्थाई गौशाला का है। गौरक्षा समिति के तहसील अध्यक्ष सोनू करवरिया ने बताया कि उन्होंने उक्त गौशाला पहुंचकर यहाँ की हकीकत देखी तो यहाँ के हालात बद् से बद्तर नजर आये इस गौशाला में मवेशियों को पेट भरने हेतु कटिया चारा नही दिया जाता जिससे प्रतिदिन गौवंश भूख से तड़प तड़प कर मर रहे हैं यहाँ के रहवासियों ने बताया की ग्राम प्रधान प्रमोद राजपूत और सचिव धर्मेंद्र की मिलीभगत से पूरा का पूरा गौवंशों के लिए आया सरकारी धन हड़पकर दोनों बंदरबाट कर लेते हैं। यहां तक की गौशाला मे दो केयर टेकर नियुक्त हैं उनका भी लगभग 5 महीने से मानदेय नहीं दिया गया जिसके फलस्वरूप कई महीनों से गौशाला का गोबर तक नहीं उठाया गया है।गौशाला मे मृत गौवंशों से जब बदबू आने लगती है तब उसे उठवाकर नहर की पटरी या सडक किनारे फेंक दिया जाता है। कभी भी पानी की टंकीऔर भूसा डालने वाली चरही की सफाई नही की जाती। कर्मचारियों से पूंछने पर केयर टेकर ने बताया प्रधान के कहने पर गोबर के ऊपर ही सुबह शाम पुवाल डाल दिया जाता है जिसे मजबूत गौवंश तो चुनकर खा लेते हैं लेकिन कमजोर गौवंशों को वह भी नसीब नहीं हो पाता।
इस गौशाला में मौके पर एक गौवंश मृत पाया गया है और एक गौवंश मरणासन्न अवस्था मे पड़ा मिला है गौरक्षा समिति अध्यक्ष ने बताया की महुआ ब्लॉक के खण्ड विकास अधिकारी राजेश तिवारी को इस मामले की सम्पूर्ण जानकारी दी गई है जिसमें बीडीओ ने जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया है।