सनत बुधौलिया के साथ दीनदयाल साहू
संत समागम में अनंत श्री विभूषित ज्योतिष मठ द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी महाराज एवं अनंत श्री विभूषित ज्योतिष मठ बद्रीनाथ पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज सहित देशभर के साधु-संत शामिल हो रहे हैं। संत समागम के प्रारंभ में दोनों शंकराचार्यों ने भगवान राजीव लोचन की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण एवं दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना की। मुख्य मंच पर दोनों शंकराचार्यों की विधि-विधान से अगुवानी खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजिम विधायक रोहित साहू एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की।
संत समागम में द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी सदानंद महाराज ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि धर्म रूपी कल्पवृक्ष का बीज प्रभु श्रीराम हैं। श्रीराम ने मनुष्य बनकर वो दिखाया, जो मनुष्य को करना चाहिए । धर्म की रक्षा करनी है तो धर्म का पालन करें। धर्म की स्वयं रक्षा हो जाएगी। धर्म मार्ग पर चलने की शिक्षा हमें कुंभ से मिलती है। बद्रीनाथ पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि संतों की वाणी से लोगों को सदाचार व्यवहार की शिक्षा मिलती है। राजिम का त्रिवेणी संगम, आचार्य का समागम, अध्यात्मिक लाभ से पवित्र स्थल बन चुका है। कुंभ कल्प का मतलब कुंभ जैसा होना है। कुंभ कल्प बोलने से मान घटता नहीं है बल्कि और बढ़ जाता है।”