शिव शर्मा की रिपोर्ट
छुईखदान — शक्ति की भक्ती का पर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा एकम तिथि के साथ ही मंगलवार से प्रारंभ हो गया। इसके साथ ही मंदिरों में भक्तों की आस्था भी दिखने लगी।पहले दिन ही श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिरों में दिखी। शहर व अंचल के सभी देवी मंदिरों में ज्योति कलश के रूप में आस्था के दीप जगमगाने लगे हैं। अभिष्ट मुहुर्त में शंख, बिजघंट आदि की ध्वनि के साथ माता की अखंड दीप प्रज्वलित किए गए।अब पूरे 9 दिनों तक माता की भक्ति में भक्त लीन रहेंगे।
*रियासत कालीन निर्मित देवालय*
वैष्णव धर्मलंबी रियासत की नगरी छुईखदान के राजा लक्ष्मण दास जी के राजत्व काल को रियासत का स्वर्ण युग काल माना जाता है उनके शासनकाल में भक्ति चरम पर थी उन्हें छुई खदान में अनेक देव मंदिरों का निर्माण कराने एवं भक्ति की अजसत्र धारा पल्लवित करने का श्रेय हैl
*शक्ति पीठ महामाया मंदिर*
नगर के पूर्व दिशा में मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम कोडका जिसे छुईखदान रियासत की राजधानी कही जाती है वहां स्थापित प्राचीन सिद्धपीठ शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर का निर्माण रियासत काल में हुई थी क्षेत्रवासियों की अगाध श्रद्धा से दिन दूनी रात चौगुनी मां महामाया की कीर्ति बढ़ती जा रही है वर्तमान में महामाया मंदिर ट्रस्ट मंडल पंजीयन क्रमांक 129899 द्वारा संचालित की जा रही है मंदिर परिसर में मां महामाया के अतिरिक्त मां कर्मा माता, नागदेव, राधा कृष्ण, रिद्धि सिद्धि ,भैरव बाबा ,की छोटी छोटी प्रतिमा मंदिर में प्रति स्थापित की गई है चैत्र नवरात्रि पर्व पर महामाया मंदिर में 476 तेल व घी के 7 मनोकामना ज्योति प्रज्वलित की गई है साथ इसी मंदिर के पास स्थित शनि मंदिर में 125 आस्था की ज्योति जलाई गई है l
*मां काली मंदिर छुईखदान*
नगर के दक्षिण छोर में मुकुंद सागर तालाब के तट पर मां काली की भव्य भक्तों को आकर्षित करने वाली मंदिर विद्यमान है इस मंदिर के विषय में जानकारों द्वारा दी गई जानकारी जिसे मंदिर के पुजारी स्वर्गीय श्री सुकालू महाराज ने अपने जीवित काल में अवगत कराया था कि छुईखदान रियासत काल के राजा द्वारा तालाब खुदवाने के दौरान मां काली की प्रतिमा खुदाई के दौरान निकली थी जिसे खुदाई स्थल पर मिले मां काली की प्रतिमा के पास मंदिर का निर्माण करा दिया गया जो आज भी उसी स्थिति में प्रतिस्थापित है मां काली के प्रति क्षेत्रवासियों का अगाध श्रद्धा है इसके अलावा इस मंदिर में प्रतिवर्ष छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य क्षेत्र के लोग आस्था के दीप जलाते हैं वर्तमान में मां काली मंदिर में 37 घी के एवं 429 तेल के आस्था की ज्योति जलाए गए हैंl साथ ही भैरव बाबा मंदिर में 1तथा शनि देव मंदिर में 2 ज्योती , तथा संतोषी माता मंदिर में 11 ज्योति कलश, शीतला माता मंदिर में 1घी और 74तेल ज्योति भक्तो के द्वारा प्रज्वलित की गई है l
*मां वैष्णो देवी मंदिर*
नगर के खैरागढ़ मुख्य मार्ग के निकट टिकरी पारा छुईखदान में वैष्णो देवी मंदिर बकरण पाठ के टीले निर्मित है मां वैष्णो देवी मंदिर का संचालन ट्रस्ट द्वारा किया जाता है इसी देवी देवालय में घी के 10 एवं तेल के 109 आस्था के ज्योति की स्थापना की गई है l
*शक्ति मंदिर कडरापारा*
विगत 3 दशकों से मां शक्ति मंदिर में ज्योति की स्थापना श्रद्धालुओं द्वारा की जा रही है इस समय इस देवालय में कुल 60 ज्योति जलाई गई है इसके अतिरिक्त नगर के समीप ग्राम लक्ष्मणपुर में शीतला माता मंदिर में 42 एवं ग्राम श्यामपुर शीतला मंदिर में मात्र 30 आस्था के ज्योति प्रज्वलित की गई हैl
*पंचमी पर हुआ माता का विशेष श्रृंगार*
पंचमी पर शनिवार को देवी मंदिरों में माता का विशेष श्रृंगार हुआ। सुबह से देवी मंदिरों में भक्तों का रेला लगा रहा। नगर की आराध्य देवी मां काली, वैष्णो देवी, शक्ति माता, समेत देवालयों में पंचमी पर माता का विशेष श्रृंगार हुआ। सुबह महाआरती के साथ पंडित ने विशेष श्रृंगार कराया। काली मंदिर पुजारी मनोज तिवारी ने बताया कि पंचमी पर रविवार को देवी स्कंद माता की आराधना हुई, पश्चात मां काली का विशेष श्रृंगार किया गया तथा साथ ही माता का चरण दर्शन भी भक्तो को करवाया गया । आरती में सैकड़ों भक्त शामिल हुए। सुबह से देर रात तक देवी दर्शन करने भक्त पहुंचते रहे।