!!संजय दुबे की कलम से!!
काली वोट के गिनती होवइया है।पांच साल के सत्ता सुख मिलही या पांच साल इंतजार करे ल पडही ये बात ह सबेच्च प्रत्याशी मन में डेरा डाले हाेही। एग्जिट पोल वाले मन जीते हारे वाले संख्या बताए हे ।नाम कोनो के नई ले हे। छत्तीसगढ़ के 90सीट के दू परमुख पार्टी के प्रत्याशी 20-25 प्रत्याशी मन ल छोड़ के 65-70 प्रत्याशी के जीत हार के पता नई हे। सबे के माथा ल देखबे तो जाड़ के महीना में पसीना चूचूवात हवे। जनता के जनमत कौन तरफ गए हाेहि? ए मन ला दंगल फिलम के एक डायलॉग याद आत होही” कि दुनिया ह एक नंबर वाले मानथे दू नंबर के कोनो ओकात नई रहे।”दू नंबर मतलब हार हाेथे।
3दिसंबर के शाम से पिछले चुनाव में जीते विधायक मन यहू दरी विधायक रही या भूतपूर्व हो के पेंशन पवइया हो जहि! पता चल जाहि। दूनो पार्टी ह नया नया मनखे मन ल उतारे हे। पहिलि जीत अऊ पहली हार के स्वाद चखे के बेरा अब एक रात दूर खड़े हे। अइसन रात ल कतल के रात बोलथे कतल हो गै तो खेल खतम पईसा हजम बाच गै तो वारा न्यारा।जीते में जहाज हारे में खुद के गाड़ी खुद के पेट्रोल अऊ 5साल के अइसन इंतजार जेकर भरोसा नई।
एक दिन वोट देके 5साल सरकार चलइया मन ह उत्सुक होथ जात हे जेला वोट दे हन वो ह जीतही के हारहि। जीतही तो ओकरे पार्टी के सरकार बनही के नहीं बनही। सब्बे बात ह समय के साथ दिल के धरकन ल बढ़ात जात हे।
ये बेरा कैफ भोपाली के एक शेर याद आवत है
कत्ल तो नही बदला
कत्ल की अदा बदली
तीर की जगह कातिल
साज सजाए बैठा है